भूविस्थापित किसानों का धरना 20 वें दिन भी जारी, काले कृषि कानूनों की वापसी पर मिठाई बांटकर मनाई खुशियां और कहा : एसईसीएल भी लें अपने काले कानून वापस
November 21, 2021कुसमुंडा (कोरबा)। बरसों पहले कोयला खनन के लिए भूमि अधिग्रहण की एवज में रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर माकपा और किसान सभा के समर्थन-सहयोग से भूविस्थापित किसानों का अनिश्चितकालीन धरना आज 20वें दिन प्रवेश कर गया। एसईसीएल प्रबंधन ने आंदोलनकारियों से लंबित रोजगार की मांग का निराकरण के लिए एक माह का समय मांगा है। उल्लेखनीय है कि इन आंदोलनकारियों ने 31 अक्टूबर को कुसमुंडा खदान में 12 घंटे तक उत्पादन ठप्प कर दिया था, जिससे एसईसीएल को 50 करोड़ रुपयों का नुकसान पहुंचा है।
काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा होते ही आंदोलनकारी भूविस्थापित किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई और रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम ने आंदोलन स्थल पर मिठाई बांटकर अपनी खुशी साझा की तथा इससे उत्साहित होकर अपने आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर माकपा जिला सचिव प्रशांत झा और छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सहसचिव दीपक साहू तथा रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम ने उन्हें संबोधित किया। इसके अलावा धरना को किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक, रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप, दामोदर, अमरपाल, रेशम ने भी संबोधित किया।
सभी नेताओं ने कहा कि काले कानूनों की वापसी से जिले में भू विस्थापितों के आंदोलन को नई ऊर्जा मिली है। जिस प्रकार देश के किसानों ने प्रधानमंत्री को काले कानून वापस लेने पर मजबूर किया है, वैसे ही कोरबा जिले के भूविस्थापित किसान भी एसईसीएल के काले कानूनों को बदलने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि शोषण के खिलाफ संघर्ष ही एक मात्र रास्ता है और शोषितों की जीत सुनिश्चित है। किसान आंदोलन की तर्ज़ पर ही उन्होंने भूविस्थापितों के आंदोलन को अनवरत ढंग से चलाने की बात कही।
आज इन नेताओं के साथ धरना में प्रमुख रूप से पुरूषोत्तम कौशिक, मोहनलाल कौशिक, बलराम, हरि कैवर्त, दीनानाथ कौशिक, चंद्रशेखर, अश्वनी, पंकज, सनत कुमार, नारायण, सहोरिक, बजरंग सोनी, अशोक साहू, दीपक, रघु, हरियर आदि ने हिस्सा लिया।