जब तक काले कानून वापस नहीं तब तक घर वापसी नहीं — किसानों का संकल्प खेती बचाओ यात्रा दिल्ली के नजदीक पहुंची देर रात्रि दिल्ली पहुचंने की संभावना
January 8, 2021छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ द्वारा प्रारंभ की गई खेती बचाओ यात्रा कल रायपुर से रवाना होकर आज शाम तक दिल्ली के नजदीक पहुंच गई है और देर रात्रि तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है ।
इधर किसानों के साथ केंद्र सरकार की आठवीं दौर की वार्ता विफल होने के बाद छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, पारसनाथ साह, रूपन चंद्राकर, सौरा यादव वीरेंद्र पांडे, मनमोहन सिंह सैलानी, गौतम बंदोपाध्याय और डॉ संकेत ठाकुर ने एक बार फिर बयान जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार देश के किसानों के साथ नहीं है और वार्ता को अनावश्यक लंबी करके किसानों का वक्त जाया करने में लगी है ताकि उनके हौसले टूट जाए लेकिन मोदी सरकार को अब तो समझ में आ जाना चाहिए कि जब छत्तीसगढ़ से भी किसानों के जत्थे दिल्ली रवाना हो रहे हैं तो इसे कुछ ही राज्यों के किसानों का आंदोलन बताने की बजाय मोदी सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि आंदोलन जितना लंबा होगा उतना ही मजबूत होगा । अब यह तभी समाप्त होगा जब मोदी सरकार तीनों काले कानून को वापस ले । भारतीय जनता पार्टी का किसान विरोधी चेहरा तब पूरी दुनिया को दिखाई देने लगा है इसलिए अब देश के किसान मांग करते हैं कि भारतीय जनता पार्टी अपने झंडे से हरा रंग को हटा दें और दुनिया को बता दें कि वो सिर्फ एक ही रंग भगवा के लिये समर्पित है किसानों के लिये नहीं।
छत्तीसगढ़ से दिल्ली गए 200 किसानों का जत्थे का नेतृत्व कर रहे तेजराम विद्रोही, गजेंद्र कोसले, नवाब गिलानी, ज्ञानी बलजिंदर सिंह, अमरीक सिंहऔर सुखविंदर सिंह सिद्धू ने जानकारी दी कि 7 गाड़ियों में चल रहा किसान जत्था आज देर शाम तक ग्वालियर से आगे रवाना हो चुका है और देर रात्रि दिल्ली पहुंचने की संभावना है । दोपहर डभरा ग्वालियर के पास पहुंचकर गुरुद्वारा में भोजन करने के बाद खेती बचाओ यात्रा बिना किसी बाधा के उत्तरप्रदेश की सीमा पार कर गई । जत्थे में शामिल सभी 200 किसानों ने अपना संकल्प दोहराया है कि जब तक काले कानून वापस नहीं तब तक घर वापसी नहीं होगी ।