नाराज अतिथि व्याख्याताओं ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन, कराया सामुहिक मुंडन..
September 28, 2021रायपुर। अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के पांच संभागों के अतिथि व्याख्याताओं ने मंगलवार को राजधानी के बूढ़ा तालाब में एक दिवसीय धरना दिया और मुंडन कराया. अतिथि व्याख्याता लंबे समय से वेतनमान सहित कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
संघ के अध्यक्ष भानू प्रताप अहिरे एवं सचिव शरद कुमार तिवारी ने बताया कि दिहाड़ी 800/- की सीलिंग का वेतनमान 2011-12 से दिया जा रहा है. यूजीसी से आने वाली पूरी राशि से 20,800/- भी हमें प्रतिमाह नहीं मिल पाता है. दैनिक वेतनभोगी से मासिक वेतनमान की प्राथमिक मांग आज भी अधूरी है. वहीं नियमित प्राध्यापकों के विरुद्ध हमें दिया जाने वाली अध्यापन अवधि “एक तिहाई होती है” जिसके बावजूद नियमितों के विरुद्ध परीक्षा परिणाम हमारे विषय में अच्छे आते हैं. 11 माह की पूर्णकालिक अवधि की जायज मांग भी अनसुनी रखी जा रही है.
शरद तिवारी के अनुसार स्थानांतरण सूची जारी होने की खबर सूत्रों से प्राप्त हुई है. नवीन नियुक्ति की पदस्थापना से भी अतिथि व्याख्याता बेरोजगार हो जाऐंगे. ऐसे में हमें स्थानांतरण से सुरक्षा दी जानी चाहिए.
हेम सागर चौधरी ने बताया कि जन घोषणा पत्र में उल्लेख था कि किसी भी दैनिक वेतनभोगी को नहीं निकाला जाएगा. नियमितीकरण की बातें भी की गई है लेकिन हम अतिथि व्याख्याताओं की श्रेणी अज्ञात है. संविदा/ अनियमित/ दैनिक वेतनभोगी को मिलने वाला लाभ भी नहीं दिया जा रहा है.
अतिथि व्याख्याताओं का कहना है कि अन्य राज्य जैसे मध्यप्रदेश, बिहार, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, केरल में अतिथि व्याख्याताओं को यूजीसी मापदंड अनुसार प्लेन (केवल स्नातकोत्तर) को 1000₹, एम.फिल+पीएचडी धारक को 1200₹ नेट+सेट+पीएचडी धारक को 1500₹ भुगतान हो रहा है. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में अतिथि व्याख्याताओं को प्रतिदिवस 800 के आधार पर सितम्बर से फरवरी माह तक सेवा में रखा जाता है और शासकीय अवकाशों के वेतन से वंचित रखते है.
उनका कहना है कि सरकार गठन के बाद से ही, मुख्यमंत्री से जन चौपाल में दो बार, एवं अन्य सभी मंत्री, विधायकों से अतिथि व्याख्याता मांग करते रहे हैं लेकिन सरकार ने उस पर अभी तक कुछ नहीं किया. कल 264 से अधिक शासकीय महाविद्यालयों के अतिथि व्याख्याता बूढ़ा तालाब रायपुर में धरना प्रदर्शन करेंगे.
साथ ही अतिथि व्याख्याताओं ने कहा कि हमको तो नौकरी से निकाल दिया गया लेकिन विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. जिनपर विषय को लेकर 200 से ज़्यादा कॉलेजों में हम पढ़ाते थे वहाँ भी शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है और विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. उनकी पढ़ाई नहीं हो रही है ऐसे में विद्यार्थी हमें फ़ोन करके अपना दर्द सुना रहे हैं.
ये हैं माँग
- अविलंब नियुक्ति के लिए 11 माह की पूर्ण कालिक अवधि
- एकमुश्त मासिक वेतनमान
- स्थानांतरण से सुरक्षा 65 वर्ष तक की स्थाई नौकरी को लेकर प्रदर्शन करेंगे