शिक्षक दिवस विशेष-सीमित साधनों में भी बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है-प्रो. ओ.पी.मेरावी

शिक्षक दिवस विशेष-सीमित साधनों में भी बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है-प्रो. ओ.पी.मेरावी

September 6, 2021 0 By Central News Service

बागबाहरा 06 सितंबर 2021/शासकीय खेमराज लक्ष्मीचंद कला वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय बागबाहरा में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं यूथ रेड क्रॉस सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति महान शिक्षाविद, दार्शनिक महान वक्ता एवं आस्थावान विचारक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिन के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया गया । जिसमे विशिष्ट अतिथि के रूप में महाविद्यालय के आई क्यू एस सी प्रभारी डॉ एल पी पटेल रहे ।


कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ हुई जिसमे एमएससी अंतिम के छात्र टेसराम पटेल ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया । महाविद्यालय के समस्त संकायों के छात्र -छात्राओ ने बड़े ही हर्सोल्लास के साथ वर्चुअल माध्यम में शिक्षक दिवस मनाया । गुरु के सम्मान में छात्र -छात्राओ ने गीत ,कविता ,एवं भाषण के माध्यम से गुरु की महिमा का बखान किया । नूरी खान ,पुष्पा चक्रधारी ने मनमोहक गीत एवं पुजा साहू ,दीपिका ,नेहा ,लीलेश्वरी , दीक्षा ,नोकेश साहू,ज्योति चंद्राकर और मधु साहू ने अपने स्पीच एवं कविताओ के माध्यम जीवन में गुरु की महत्ता को बताते हुए उनके उपकारों का वर्णन किया । छात्रों ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के विचारो को भी सभी तक पहुंचाने का प्रयास किया और बताया की व्यक्तित्व निर्माण एवं चरित्र निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है-“पुस्तके वो साधन है जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियो के मध्य पुल का निर्माण कर सकते है”। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. एल पी पटेल ने शिक्षक दिवस को गुरु शिष्य परंपरा बताते हुए ,माँ समाज सुधारक ,पथप्रदर्शक , आदि रूपों में गुरु के अनेक स्वरूप को बताया उन्होंने ने कहा की जिनसे भी हमे कुछ सीखने को मिलता है वह सब हमारे गुरु है ।प्रो. चार्ल्स लियोनार्ड ने बताया की हर व्यक्ति के जीवन में गुरु का होना आवश्यक है उन्होंने भारत के महान विभूति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उदहारण देते हुए छात्रों को प्रोत्साहित किया और कहा की हमे भी अपने जीवन में कुछ ऐसा अच्छा कार्य करना है जिससे लोग हमे भी अनेक वर्षो तक याद रखे । छात्रों के प्रिय हरसंभव मदद के लिए तैयार रहने वाले महाविद्यालय के प्रोफेसर गजानंद बुड़ेक ने अपनी कविता तुझमें इतना ज्ञान भर दु ,दुनिया को बदल सके तू द्वारा छात्रों में एक नई ऊर्जा का संचार किया और छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए पढ़ाई के साथ -साथ सभी क्षेत्रो में आगे रहने के लिए प्रेरित किया ।
छात्रों के प्रेरणास्त्रोत प्रो. ओ पी मेरावी ने कहा की सीमित साधनों में भी बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है,उन्होंने कहा की हमारे द्वारा परीक्षा में प्राप्त अंक ही सब कुछ नही होता इसलिए एक स्टूडेंट को सभी क्षेत्रो में आगे रहना चाहिए ज्ञान प्राप्त करने का अर्थ केवल पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करना नही है ,अच्छे संस्कार ,बड़ो का सम्मान सहयोग की भावना आदि का होना भी आवश्यक है ।उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी छात्र -छात्राओ को आशीर्वाद एवं शुभकामनाये दिए ।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे आभार प्रदर्शन एमएससी अंतिम वर्ष के छात्र एवं वरिष्ठ स्वयंसेवक सूरज सेन ने किया ।