कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद एवं विधायक डॉ. खेलन राम जांगड़े का हृदयगति रूक जाने से निधन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद एवं विधायक डॉ. खेलन राम जांगड़े का हृदयगति रूक जाने से निधन

April 30, 2021 0 By Central News Service

बिलासपुर 30 अप्रैल 2021- आज दोपहर को निजी अस्पताल में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायक डॉ. खेलन राम जांगड़े का 75 वर्ष की आयु में इलाज के दौरान निधन हो गया।

डॉ. जांगड़े को दिन पहले उच्च रक्तचाप और शुगर की शिकायत आने पर वंदना हॉस्पिटल मंगला चौक में एडमिट कराया गया था। बाद में उन्हें आईसीयू में ले जाया गया। आज दोपहर 2:40 पर हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। उनका कोविड टेस्ट नेगेटिव पाया गया था किन्तु ऐहतियातन सरकंडा स्थित मुक्तिधाम में शाम को कोरोना प्रोटोकॉल के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

डॉ जांगड़े सन 1980 में मुंगेली से विधायक चुने गए थे। उसके बाद सन् 1984 और 1989 में वे बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने। वे रायपुर से उत्तीर्ण आयुर्वेद चिकित्सक थे। मुंगेली के पास फुलवारी गांव में वे प्रैक्टिस करते थे और इसी के चलते ही उनको क्षेत्र में काफी जान पहचान बन गई थी। यह दिलचस्प किस्सा है कि क्षेत्र के जनसंघ के कद्दावर नेता स्व. निरंजन लाल केशरवानी ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश चंद्र सेठी के मुंगेली प्रवास के दौरान वे उनके नजदीक आये तथा मिनीमाता से भी स्नेह मिला, जिन्होंने उन्हें विधानसभा टिकट दिलाई। बाद में भी स्व. विद्याचरण शुक्ल, अर्जुन सिंह व स्वर्गीय अजीत जोगी के नजदीक रहे। उनके कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं से अच्छे संबंध थे और आम लोगों में भी सरल छवि के कारण अच्छी पकड़ रखते थे। बिलासपुर लोकसभा सीट से डॉ. जांगड़े के बाद कांग्रेश को अब तक कोई जीत नहीं मिली है। मुंगेली में भी कांग्रेस में उनके समाज से उनके कद का कोई नेता तैयार नहीं हो सका है। पिछले कुछ सालों से वे राजनीति से दूर हो चुके थे और नेहरू नगर स्थित बिलासपुर के निवास में लोगों से मिला करते थे। वे कुछ समय तक छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे। उन्हें सदस्य जोगी ने बनाया था।

उन की 7 बेटियां हैं जिनमें से 2 का विवाह हुआ है शेष पांच विभिन्न विभागों में अधिकारी हैं उनका पुत्र अनिल जांगड़े व्यवसायी है। अनिल जांगड़े ने बताया कि पिताजी के साथ सभी के अच्छे संबंध रहे हैं। लॉकडाउन और कोविड महामारी को देखते हुए उन्हें गृह ग्राम नहीं ले जाया गया।