नागपुर में संपन्न हुआ महाराष्ट्र का 57वां वार्षिक निरंकारी संत समागम।
February 2, 2024सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के परम सानिध्य में महाराष्ट्र का 57वां 3 दिवसिय निरंकारी संत समागम साहर्ष संपन्न हुआ। समागम मैं देश विदेश से लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लेते हुए प्रभु यश गया और परमत्व का आनंद प्राप्त किया। रायपुर तथा पूरे छत्तीसगढ़ से हज़ारो की तादाद में निरंकारी संतो ने समागम में अपनी हाज़री दर्ज कराई।ईश्वर को जान कर ही इसकी भक्ति सही मायने में संभव है, तथा ऐसी सफल भक्ति से ही जीवन में सुकून की प्राप्ति होती है, इस सन्देश के साथ अनेकानेक श्रद्धालू ने अपने हिर्दय के भाव व्यक्त करते हुए समागम का आनंद प्राप्त किया।
विभिन्न गीत,कविताएं, विचार, नृत्य आदि के माध्यम से यही सन्देश दिया गया की “हरी- परमात्मा हर जगह, पत्ते पत्ते में विराजमान है मगर फिर भी इंसान इसे ना जाने कहाँ कहाँ ढूंढता है। लेकिन आदि काल से संतो ने यही सन्देश दिया है कि ईश्वर के विराट स्वरुप को सतगुरु द्वारा जाना पहचाना जा सकता है, और उसके बाद इसकी भक्ति स्तुति करते हुए ही मनुष्य जीवन सफल हो