वीर बाल दिवस बच्चों को पेन कॉपी ,चॉकलेट ,बिस्कुट, बांटकर गुरु गोबिंद के साहिबजादों की शहादत को किसान नेता अशवन्त तुषार साहू ने नमन किया…

वीर बाल दिवस बच्चों को पेन कॉपी ,चॉकलेट ,बिस्कुट, बांटकर गुरु गोबिंद के साहिबजादों की शहादत को किसान नेता अशवन्त तुषार साहू ने नमन किया…

December 29, 2022 0 By Central News Service

महासमुन्द 29 दिसंबर 2022/ श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के पर युवा साहिबज़ादों की शहादत को याद ‘वीर बाल दिवस’ घोषित किया था। ऐसे में आज वीर बाल दिवस है, इस अवसर पर बच्चों को पेन कॉपी ,चॉकलेट ,बिस्कुट, बांटकर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों की महान बलिदान को याद करते हुए किसान नेता अशवन्त तुषार साहू ने उन्‍हें कोटि कोटि नमन किया है। उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म की रक्षा का जिम्मा अपने हाथ में लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिब जादों ने सरहिंद के नवाब वजीर खां के आगे अपना सर नहीं झुकाया। अपने आप को इस देश पर कुर्बान कर दिया।

गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिब जादे जिसमें दो बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह और दो छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह ने नवाब की ओर से दी गई सभी पीड़ाओं और तकलीफों को हंसकर सह लिया, लेकिन उसके आगे अपनी गर्दन नहीं झुकाई। साहिबजादा अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह ने अपनी शहादत दे दी, लेकिन धर्म पर आंच नहीं आने दी। उन्होंने गुरुवाणी की पंक्ति ‘सूरा सो पहचानिए, जो लरै दीन के हेत, पुरजा पुरजा कट मरै, कबहू ना छांड़े खेतझ् को सच किया।


इस तरह देश और धर्म की रक्षा में गुरु गोबिंद सिंह महाराज का सारा परिवार शहीद कर दिया गया। दशम गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों की शहादत इतिहास का ऐसा सुनहरा पन्ना है, जिसका उदाहरण बिरला ही मिलता है। धर्म की रक्षा के लिए गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इस कारण उन्हें सरबंस दानी भी कहा गया।