मुख्यमंत्री ने किया राज्योत्सव, राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने किया राज्योत्सव, राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य का शुभारंभ

November 1, 2022 0 By Central News Service


रायपुर, 1 नवंबर (सेंट्रल न्यूज सर्विस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज साइंस कॉलेज मैदान में राज्योत्सव एवं राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ समारोह में मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत एवं मंत्रीगण मौजूद थे।

शुभारंभ कार्यक्रम में राज्य गीत ,अरपा पैरी के धार से शुरुआत हुई।मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पोस्टल स्टैम्प का विमोचन किया वहीं राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021 की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना नृत्य का इतिहास है।दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य शैली, वाद्ययंत्र में समानता है।

आदिम नृत्य की यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आई है, इस तरह से हम आज यहां पहुंचे हैं। समय के बदलाव के साथ जीवन के तौर तरीके में बदलाव आया है। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों की परंपरा को बचाए रखने और पूरी दुनिया की आदिम संस्कृति आगे बढ़ाने और उनका संवर्धन करने से है। प्रकृति पर पूरी मनुष्यता का एक जैसा अधिकार हो, सभी प्रकृति का संरक्षण करें। विकास की गलत अवधारणा के कारण आज प्रकृति ही खतरे में पड़ गयी है। छत्तीसगढ़ आदिवासियों और किसानों का प्रदेश है। राज्य के आंदोलन में जिन मूल्यों को लेकर आंदोलन हुआ, हमारी सरकार उस सोच को लेकर आगे बढ़ रही है।
कार्यक्रम की शुरुआत में सबसे पहले सारे जहां से अच्छा गीत की धुन पर इजिप्ट के लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।दूसरे क्रम में इंडोनेशिया के कलाकार और तीसरे क्रम में मालदीव के नर्तक दल, (हरा और लाल वेश भूषा के साथ)मालदीप के नर्तक दल अपनी लोक शैली की झलक दिखाई। मोजम्बिक के नर्तक दल नृत्य करते हुए रेम्प पर पहुंचे उनकी शानदार एंट्री ने सबका मन मोह लिया।विदेशी नर्तक दलों के बाद भारतीय दलों की प्रस्तुति शुरू हुई सभी राज्यों ने बारी-बारी से अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोहा आंध्रप्रदेश के कलाकार रेम्प पर अलग-अलग डांस फॉर्म की झलक प्रस्तुत करते हुए नजर आए । तीन दिनों तक होने वाले नृत्य महोत्सव मे नृतक दलों द्वारा देश-विदेश की झलकियां दिखाई जा रही है एक मंच पर संस्कृतियों का अनूठा संगम दिखा। नृत्य दलों ने सामूहिक कदमताल ने पिरोई अनेकता में एकता की माला पुरातन सभ्यता और संस्कृति के रंग एकसाथ हुए राज्योत्सव के मंच पर इंद्रधनुषी रंग देश-विदेश के कलाकारों द्वारा बिखेरी जा रही है ।