अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को डॉ विभाषा मिश्र की दो पुस्तक, एक नई शुरुआत और 36 रागनियां का विमोचन आनंद समाज वाचनालय में संपन्न हुआ।
February 21, 2021अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को डॉ विभाषा मिश्र की दो पुस्तक, एक नई शुरुआत और 36 रागनियां का विमोचन आनंद समाज वाचनालय में संपन्न हुआ। विमोचन समारोह की मुख्य अतिथि डॉ सत्यभामा आडिल और अध्यक्ष श्री गिरीश पंकज रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ प्रेम नारायण दुबे और श्री अरविंद मिश्र ने सबको संबोधित किया। श्री नर्मदा प्रसाद मिश्र नरम ने मुख्य वक्ता के रूप में अपना वक्तव्य दिया। एक नई शुरुआत में डॉ विभाषा मिश्र ने अपनी कविताओं को एक नए अंदाज़ और शैली के साथ प्रस्तुत किया है।
वही उनकी दूसरी किताब 36 रागीनियां ,छत्तीसगढ़ की 36 महिला साहित्यकारों की कविताओं का संकलन है, जिसमें अलग-अलग भावों से भरी हुई आधुनिक कविताएं हैं जिन्हें विभाषा मिश्र ने संपादित किया है ।पुस्तक के विमोचन समारोह में बड़ी संख्या में पाठक सम्मिलित हुए। भाषाविद् डॉ चित्तरंजन करने सबको अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की और सबका उत्साह वर्धन किया।डॉ सत्यभामा आड़िल ने कहा, इस तरह के प्रयास छत्तीसगढ़ में साहित्यिक अभिरुचि और अभिव्यक्ति दोनों में श्री वृद्धि करेंगे, इसके लिए सभी लेखिकाएं बधाई की पात्र हैं। श्री गिरीश पंकज ने अपने उद्बोधन में कहा यही महिला सशक्तिकरण है इसी तरह अपने आप को निरंतर अभिव्यक्त करके महिलाएं समाज में और संगठित और सशक्त होंगी ।डॉ प्रेम नारायण दुबे ने कुछ कविताओं का पाठ कर उनकी विशेषताओं से सबको अवगत कराया और उनकी सराहना की। डॉ विभाषा मिश्र ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि पूरे लॉकडाउन में वे निरंतर महिला साहित्यकारों से मिलती रहे उनकी कविताओं को ढूंढती रही और चयनित कर उन्होंने अलग-अलग पुष्पों से यह गुलदस्ता तैयार किया है। ऐसे ही उन्होंने बताया कि एक नई शुरुआत सकारात्मक भावनाओं पर लिखी गई एक ऐसी किताब है जो मनुष्य को कुछ नया करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। इस आयोजन मेंसमीर दीवान, चम्पेश्वर गिरी गोस्वामी,शशांक खरे,गिरिजा शंकर गौतम,प्रीतम दास, उमाकांत मिश्र, पुरुषोत्तम चंद्राकर,आस्था तिवारी, कल्पना मिश्रा, पायल कश्यप, रोजमीना कुजुर ,शुभ्रा ठाकुर, वर्षा रावल ,आभा बघेल ,प्रज्ञा त्रिवेदी सहित कई महिला साहित्यकार सम्मिलित हुए। कविता पाठ भी किया गया।