गरीब की मनरेगा की कमाई में सेंध के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों की छत भी उड़ाई बघेल सरकार ने – कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष ,आप।

गरीब की मनरेगा की कमाई में सेंध के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों की छत भी उड़ाई बघेल सरकार ने – कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष ,आप।

August 6, 2022 0 By Central News Service

कांग्रेस की गैर जिम्मेदाराना भूपेश सरकार पूरी तरह फेल, केंद्र द्वारा गरीबों के लिए तैयार किए जाने वाले 7.82लाख घरों का आवंटन वापस लिया गया – आप

कोमल हुपेंडी ने आज रोष भरे शब्दों में कहा कि पीएमएवाई – ग्रामीण में देरी को लेकर केंद्र ने छत्तीसगढ़ को कई बार आगाह करने के बाद भी मस्त कुंभकर्णी नींद सोने वाली कांग्रेस की भूपेश सरकार अब तक नहीं जागी है। केंद्र सरकार ने गरीबी के हक के 7.82 लाख घरों के आवंटित लक्ष्य को वापस ले लिया है क्योंकि 2024 तक सभी गरीबों को आवास का लक्ष्य को भरी झटका है।
इतना ही नहीं इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार को आगाह किया है कि अगर ग्रामीण आवास योजना को सही तरीके से लागू करने में विफल रहता है तो केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय अपनी अन्य प्रमुख योजनाओं के समर्थन पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई – जी) को 1 अप्रैल 2016 से लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य मार्च 2024 तक सभी के लिए आवास प्रदान करना है। छत्तीसगढ़ सरकार को लिखे पत्र में केंद्र के ग्रामीण विकास विभाग ने उल्लेख किया है कि इस संबंध में कई पत्रों और बैठकों के बावजूद राज्य सरकार ने संतोषजनक प्रगति नहीं दिखाई है। ये है कांग्रेस की भूपेश सरकार का असली चेहरा जो आज गरीबों के लिए सेवा वाली सरकार का ढोंग कर रही है और छत्तीसगढ़ी परंपरा में त्योहार आदि मनाकर दिखावा कर जनता को छल रही है।

कोमल हुपेंडी ने सीधा सवाल किया किया की भूपेश बघेल बताए की उन्होंने
राज्य के हिस्से के 562 करोड़ रुपए अब तक क्यों नही रिलीज किए।उनके मंत्री अब कह रहे है पत्र पढ़ा नहीं है लेकिन केंद्र सरकार को देंगे सकारात्मक जवाब , कितना गैर जिम्मेदाराना बयान है।

छत्तीसगढ़ के पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के संबंध में केंद्र सरकार के पत्र को अभी पढ़ा नहीं है लेकिन केंद्र को उनके पत्र का सकारात्मक जवाब दिया जाएगा। राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण आवास जिनका निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है, उसके लिए भी बजट में राशि का कुछ पता नहीं चल रहा है। आने वाले समय में योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए और भी धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी या नही कुछ निश्चित नहीं है। केंद्र द्वारा भी यह कहना उचित नहीं है कि अगर ग्रामीण आवास योजना को सही तरीके से लागू करने में राज्य विफल रहता है तो केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय अपनी अन्य प्रमुख योजनाओं के समर्थन पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होगा।
बड़ी शर्मनाक बात है की गरीबों के लिए
केंद्रीय मंत्रालय के विभिन्न स्तरों से छत्तीसगढ़ सरकार को कई दौर के संचार के बावजूद इसने न तो संतोषजनक प्रगति दिखाई है और न ही 562 करोड़ रुपए के राज्य के हिस्से को जारी किया है, जिसके परिणामस्वरूप पीएमएवाई जी का काम रुक गया है।

गरीब जनता को छल ने वाली भूपेश सरकार के भ्रष्टाचार में मस्त रहने के दौरान छत्तीसगढ़ ने 2020-21 में संबंधित राज्य के हिस्से को जारी नहीं करने के कारण आवंटित 6.48 लाख घरों के लक्ष्य में से अधिकांश को वापस लेना पड़ा और अब ईडी के विरोध धरना और घेराव में व्यस्त सरकार की जनता को भूल ने के कारण 2021-22 में ग्रामीण विकास मंत्रालय को लगभग 7.82 लाख घरों के आवंटित लक्ष्य को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ऐसा राज्य के हिस्से का 562 करोड़ रुपये जारी करने में असमर्थता के कारण हुआ है।

कोमल हुपेंडी ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है कि बहुत सी जगह गांव में गरीब छत के लिए तरस गए है और ये सरकार है की भ्रष्टाचार में मस्त है।
सरकार कुंभकर्णी नींद से जागेगी या नही अब जनता को सड़क पर आकर सरकार को जगाना होगा और आम आदमी पार्टी अब गांव गांव तक पहुंच गई है और गरीब जनता के अधिकार के लिए प्रदेश की भोली भाली जनता को भी जगरूक करेगी। बदलबाे छत्तीसगढ़।