योग शरीर, मन और बुद्धि को जोड़ता है – सुनीता देवदत्त.. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर खरोरा में हुए कार्यक्रम…

योग शरीर, मन और बुद्धि को जोड़ता है – सुनीता देवदत्त.. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर खरोरा में हुए कार्यक्रम…

June 21, 2022 0 By Central News Service

महासमुंद 21 जुन 2022/ अच्छे स्वास्थ्य का अर्थ बीमारी से मुक्ति मात्र नहीं है, इसका अर्थ सुखी जीवन है। सुखी जीवन प्राप्ति का मार्ग योग है। योग हमें संतुलित जीवन जीना सिखाता है। यह संतुलित जीवन, स्वस्थ मन एवं श्रेष्ठ विचारों का उपाय है। योग शरीर, मन और बुद्धि को जोड़ता है।” उक्त विचार थे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित मिडिल स्कूल में सरपंच सुनीता देवदत्त के।

योग कार्यक्रम का प्रारंभ “ॐ संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानतम्” संगठन मंत्र के साथ हुआ। शिथिलीकरण अभ्यास, ग्रीवा चालन, स्कंध चालन, कटि चालन, घुटना संचालन के पश्चात् खड़े होकर ताड़ासन, वृक्षासन, पाद हस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणासन का योगाभ्यास कराया गया।बैठकर किए जाने वाले आसन भद्रासन, वज्रासन, शशांकासन, उष्ट्रासन,उत्तान मंडूकासन, वक्रासन के पश्चात पेट के बल लेटकर मकरासन, भुजंगासन, शलभासन तथा पीठ के बल लेटकर सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, पवन मुक्तासन, शवासन योगाभ्यास कराया गया। प्राणायाम में कपालभाति, अनुलोम विलोम, शीतली प्राणायाम तथा भ्रामरी प्राणायाम के पश्चात ध्यान कराया गया। उपस्थित समस्त विद्यार्थियों एवं नागरिकों द्वारा संपूर्ण समाज व विश्व में शांति, स्वास्थ्य और सौहार्द के लिए संकल्प लिया गया। ‘ॐ सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया” शांति पाठ के साथ समापन किया गया। योग प्रशिक्षक के रूप में वरिष्ठ शिक्षक डोमार राम साहू एवं दुबेकुमार पटेल का सराहनीय योगदान रहा।

इस अवसर पर संस्था के प्रधान पाठक उमेश भारती गोस्वामी ने कहा “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। अतः उत्तम स्वास्थ्य के लिए योग को अपने नियमित दिनचर्या में शामिल करें।” कार्यक्रम में ज्ञान गंगा पब्लिक स्कूल के संचालक देवदत्त चन्द्राकर, रामेश्वरी ध्रुव, मोना चन्द्राकर, प्रीति तिवारी, माया भोसले, डेमेश्वरी गजेन्द्र, कुमुदिनी चन्द्राकर, ओमप्रकाश शर्मा, रामप्रसाद सहित प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षक, विद्यार्थी व अभिभावक गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षक दुबे कुमार एवं आभार प्रदर्शन प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक गायत्री चन्द्राकर ने किया।