शिवाजी ने हिन्दवी स्वराज की स्थापना की – धर्मेन्द्र …राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव…
June 12, 2022महासमुंद 12 जुन 2022/ छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक होना यह केवल शिवाजी महाराज के विजय की बात नहीं है। शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के समय तक इस देश के धर्म, संस्कृति व समाज का संरक्षण कर हिन्दू राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करने के जो प्रयास चले थे, वे बार बार विफल हो रहे थे। प्रयोग चले, राजा लड़ रहे थे, विभिन्न प्रकार की रणनीति का प्रयोग कर रहे थे, संत लोग समाज में एकता लाने के, उनको एकत्र रखने के, उनकी श्रद्धाओं को बनाये रखने के लिये अनेक प्रकार के प्रयोग चला रहे थे। कुछ सफल हुए, कुछ पूर्ण विफल हुए लेकिन जो सफलता समाज को चाहिये थी वह कहीं दिख नहीं रही थी। इन सारे प्रयोगों के प्रयासों की अंतिम सफल परिणति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक है। यह केवल शिवाजी महाराज की विजय नहीं है। लडने वाले हिन्दू राष्ट्र की अपने शत्रुओं पर विजय है।
शिवाजी ने सही मायने में हिन्दवी स्वराज की स्थापना की।” उक्त उद्गार थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा श्री राम जानकी मंदिर तुमगांव में आयोजित हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव के अवसर पर मुख्य वक्ता धर्मेन्द्र महोबिया के। उन्होंने कहा कि “शिवाजी का राज्याभिषेक ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी विक्रम संवत् 1731 (6 जून 1674) के दिन रायगढ़ के किले पर हुआ था। शिवाजी को छत्रपति बनाने में माता जीजाबाई के संस्कार और गुरु समर्थ रामदास की शिक्षा का विशेष योगदान रहा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के आसंदी से पं. विकास मिश्रा नगर पुरोहित ने कहा कि “शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक, संपूर्ण हिन्दू राष्ट्र के लिये एक संदेश था कि यह विजय का रास्ता है। इस पर चलो। शिवाजी एक ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हर प्रकार से खुद को योग्य बनाया। शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के बाद सबको भरोसा हो गया फिर से कोई हिन्दू समाज, हिन्दू धर्म, हिन्दू संस्कृति, हिन्दू राष्ट्र को प्रगति पथ पर अग्रसर कर सकता है तो वह है शिवाजी महाराज।” कार्यक्रम का प्रारंभ शिवाजी के छाया चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात् अमृत वचन व एकल गीत के साथ हुआ तथा समापन ‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि’ प्रार्थना के साथ हुआ।
कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश चन्द्राकर, उपाध्यक्ष पप्पू पटेल, मोती साहू, दीपक मिश्रा, महेश्वर गिरि, विनोद गहरवाल, डोमार जी, रूप कुमार पटेल, भुनेश्वर साहू, द्रोणाचार्य साहू, संतराम साहू, महावीर निर्मलकर, भोजराम साहू, तेजराम साहू, रूपलाल, दुर्गेश धीवर सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग, जिला, नगर, खंड व मंडल के दायित्ववान कार्यकर्ता वह समाज के प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।