फिर से ट्रेनों को रद्द किया जाना जनता पर अत्याचार – कांग्रेस
May 5, 2022मोदी सरकार की लापरवाही से कोयला संकट, रेल रोककर जनता को परेशान कर रहे
रायपुर/05 मई 2022। छत्तीसगढ़ से चलने वाली फिर से 17 ट्रेनों को रद्द किए जाने पर कड़ा विरोध करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ विरोधी बताया है। मोदी सरकार जानबूझकर कोयला ढुलाई को प्राथमिकता देने छत्तीसगढ़ से चलने वाली ट्रेनों को बंद कर रही है। इसके पहले 10 और 23 ट्रेनों को बंद किया गया था जिसके विरोध में कांग्रेस ने डीआरएम कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन सौंपा था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी रेल मंत्री से फोन पर बात कर दबाव बनाया तब रेलवे 7 बंद ट्रेनों को फिर शुरू किया था लेकिन एक हफ्ते के अंदर फिर से 17 ट्रेनों को बंद करने का नया आदेश निकालना रेलवे की तानाशाही है। रेलवे द्वारा रद्द की गयी 17 ट्रेनों में बिलासपुर, रायपुर सहित छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली लोकल ट्रेनें भी शामिल है जिसके कारण नौकरी पेशा लोगों, मरीजों और अन्य आम यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता का यह कसूर है कि हमारी धरती पर प्रचुर मात्रा में कोयले का भंडार है इसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ रहा है। मोदी सरकार जान ले हमारा कोयला हमारी कमजोरी नहीं ताकत है। मोदी सरकार कोयला परिवहन के लिये हमारे नागरिकों की रेल सुविधायें बहाल नहीं करेगा तो मजबूरन छत्तीसगढ़ के लोग राज्य से बाहर कोयले का परिवहन रोक देंगे। कोयले के वैगनों को भी रोक देंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि देश में कोयला का संकट है तो उसके पीछे मोदी सरकार की अदूरदर्शिता है। ऐसा कोई कारण नहीं है जिसके चलते देश में कोयला का कमी हो विश्व के कोयला उत्पादक देशों की श्रेणी में भारत पांचवें नंबर पर है जिसके पास लगभग 319 अरब टन कोयला का भंडार है। उसके बावजूद देश के भीतर कोयला का संकट उत्पन्न होना मोदी सरकार की अकर्मण्यता का परिणाम है देश की कोयला जरूरतों का पूरा ब्योरा केंद्र सरकार के पास है। कोयले से बिजली बनती है यह कोई नई बात नहीं है, फिर इसकी तैयारी क्यों नहीं की गयी थी? उसके बावजूद केंद्र ने राज्यों और विद्युत संयंत्रों की आवश्यकता के अनुरूप कोल खनन और भंडारण और परिवहन की समुचित कार्य योजना क्यों नहीं बनाया था? देश में ऐसा कोयला संकट आजादी के बाद कभी नहीं आया। अचानक इस प्रकार का संकट कृत्रिम रूप से तैयार तो नहीं किया जा रहा? आज देश में कोयले के सबसे बड़े कारोबारी मोदी के निकटस्थ अडानी समूह है। कहीं ऐसा तो नहीं कोयला संकट का बहाना बना कर देश भर की कोयला खदानों को अडानी को देने की साजिश तो नहीं की जा रही।