साम्राज्यवाद विरोध के प्रखर प्रतीक है भगतसिंह — प्रशांत झा, किसानों और नौजवानों ने 28-29 मार्च की हड़ताल को सफल बनाने का लिया संकल्प

साम्राज्यवाद विरोध के प्रखर प्रतीक है भगतसिंह — प्रशांत झा, किसानों और नौजवानों ने 28-29 मार्च की हड़ताल को सफल बनाने का लिया संकल्प

March 23, 2022 0 By Central News Service

कोरबा। खेती-किसानी से जुड़ी समस्याओं, भूमि विस्थापन और रोजगार से जुड़ी मांगों को केंद्र में रखकर आज गंगानगर में छत्तीसगढ़ किसान सभा और जनवादी नौजवान सभा द्वारा संयुक्त रूप से भगतसिंह-सुखदेव-राजगुरु की शहादत दिवस को मनाया गया और एक शोषणमुक्त समाजवादी समाज के निर्माण के लक्ष्य को लेकर काम करने का संकल्प लिया गया। शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित इस सभा की अध्यक्षता किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर ने की।

भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करने आज गंगानगर में बड़ी संख्या में लोग उमड़े तथा उन्होंने शहीदों की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की। किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर तथा दीपक साहू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भगतसिंह केवल अंग्रेजी साम्राज्यवाद से ही मुक्ति नहीं चाहते थे, वल्कि आर्थिक शोषण से मुक्त समाज का भी निर्माण करना चाहते थे। उनका सपना था कि आजाद भारत में सबको एक समान शिक्षा और सबको रोजगार की गारंटी मिलेगी, हर खेत में पानी पंहुचेगा और खुशहाली आएगी तथा मजदूरों को मालिकों की गुलामी से मुक्ति मिलेगी। वे मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण का खात्मा करना चाहते थे। आज़ादी के इसी सपने को लिए हुए वे हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए। पूरे देश में उनके इस अधूरे सपने को पूरा करने का अविराम संघर्ष जारी है।

जनवादी नौजवान सभा के अभिजीत गुप्ता और जनरैल सिंह ने अपने संबोधन में शहीद भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों को जन-जन तक ले जाने पर जोर देते हुए कहा कि किसानों के शोषण और मजदूरों के उत्पीड़न के खिलाफ आज दोनों वर्ग मिलजर लड़ रहे हैं। यह मजदूर-किसान एकता ही वह आधार है, जो इस देश में बुनियादी परिवर्तन ला सकती है। उन्होंने मोदी सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक व्यापक जन आंदोलन संगठित करने पर जोर दिया। सुराज सिंह कंवर, जय कौशिक, नंद लाल कंवर आदि ने भी इस शहादत दिवस की सभा को संबोधित किया।

सभा के मुख्य वक्ता माकपा नेता प्रशांत झा ने शहीद भगतसिंह को साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलन का प्रखर प्रतीक बताया तथा कहा कि आज मोदी सरकार जिस तरह हमारी अर्थव्यवस्था को अमेरिका और कॉरपोरेटों के हाथों बेचने पर आमादा है और हमारे देश को रणनीतिक तौर से अमेरिका का पिछलग्गू बना दिया गया है, भगतसिंह के ‘इंकलाब जिंदाबाद’ और ‘साम्राज्यवाद का नाश हो’ के नारे को समझने और इसे अपनी जिंदगी में उतारने की जरूरत है, ताकि एक समतापूर्ण समाजवादी समाज के निर्माण के लिए एक प्रखर साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलन को खड़ा किया जा सके। उन्होंने कहा कि साम्राज्यवाद और समाजवाद दो विपरीत ध्रुव है और मानवता की मुक्ति समाजवाद से ही संभव है। झा ने कहा कि हम ऐसी आजादी चाहते हैं, जिसमें सत्ता मजदूर-किसानों के हाथ मे हो और उनके उत्पादन से पैदा मुनाफा समाज की बेहतरी के काम में आये, न कि कॉरपोरेटों की तिजोरियों में कैद हो। माकपा नेता ने कहा कि 28-29 मार्च को मजदूर संगठनों द्वारा आम हड़ताल और किसान संगठनों द्वारा ग्रामीण भारत बंद का आह्वान शोषण की इस प्रक्रिया के खिलाफ चल रहे व्यापक संघर्ष का एक हिस्सा है।

सभा में उपस्थित किसानों और नौजवानों ने इस देशव्यापी आंदोलन को कोरबा में सफल बनाने का भी संकल्प लिया। किसान सभा ने इस दिन राजमार्ग को जाम करने का फैसला