जैन समुदाय के दीक्षार्थियों का भव्य रथयात्रा निकालकर नगर भ्रमण किया गया… कल होंगे दीक्षांत समारोह…
February 9, 2022
महासमुंद 09 फरवरी 2022/ खरतरगच्छाचार्य छत्तीसगढ़ श्रृंगार परम पूज्य जिनपियुषसागर सूरि जी म.सा. आदि 40 ठाना साधु साध्वी भगवंतो की पावन निश्रा में दीक्षार्थी रजत चोपड़ा, विजय कोठारी, सुषमा कोठारी महासमुंद निवासी एवं संयम पारख सुरगी,मुंगेली निवासी अपना घर परिवार त्याग कर कल 10 फरवरी को महासमुंद की पावन भूमि में दीक्षा अंगीकार करने जा रहे हैं, और परमात्मा के पथ के पथिक बनने जा रहे है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत आज दीक्षार्थियों का भव्य वर्षीदान वरघोड़ा जैन मंदिर से निकलकर मुख्य मार्ग से बरोंडा चौक होते हुए भलेशर स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर पहुंची। लगभग 4000 लोगो से सुशोभित इस रथयात्रा में सकल जैन श्री संघ के सभी सदस्यों के साथ साथ संपूर्ण छत्तीसगढ़ एवं अन्य प्रदेशों से आए श्रावक श्राविकाओं के साथ साथ महासमुंद के सर्व समाज के लोगो की गरिमामयी उपस्थिति थी। राऊत नाचा, सुवा नाचा, ऊंट, घोड़े, बैंड आदि के साथ प्रभु की प्रतिमा रथ में विराजमान होकर धर्म की प्रभावना फैलाते हुए बहुत मनमोहक लग रही थी। गुरु भगवंतो और साध्वीयों की छत्रछाया में चतुर्विद संघ और चारों दीक्षार्थियों का उत्साह देखते बन रहा था।आज जैन समाज के लोग अपनी प्रतिष्ठान बंद रखकर इस रथयात्रा में शामिल हुए। सकल संघ के लिए स्वामी वात्सल्य की व्यवस्था दीक्षा स्थल में ही की गई थी।
रथयात्रा के समापन के पश्चात शक्रस्त महाभिषेक संपन्न हुवा, जिसमे मुंबई के विधिकारक राहुल भाई ने प्रभु का संगीतमय एवम रंगमय औषधियों से प्रक्षाल-पूजा विधि ने लोगों का मन मोह लिया। शाम को चारों दीक्षार्थियों का विदाई समारोह आयोजित किया गया। मुंबई के कलाकार जैनम वारिया की करुणांजलि ने सबकी आंखों से जलधारा प्रवाहित कर दी। क्योंकि कल दीक्षार्थियों को शेरवानी एवम लहंगा चुनरी में निहारने की आखरी शाम थी, कल उनका चोला बदलने वाला था।
आज चारो दीक्षार्थियों का प्रव्रज्या प्रीत परिणयोत्सव मनाया जा रहा है, जिसमे वो प्रभु के साथ परिणय बंधन में बंधने जा रहे है, अर्थात् दीक्षा लेने जा रहे हैं।
उपरोक्त कार्यक्रम का आज 10.15 बजे से लाइव प्रसारण पारस चैनल में किया जाएगा। उक्त समारोह के आयोजक जैन श्री संघ, महासमुंद एवम आनंद रत्नाकर दीक्षा महोत्सव समिती है। उक्त जानकारी जैन श्री संघ के सचिव रितेश गोलछा ने दी।