
केंद्रीय बजट एक संतुलित आर्थिक दस्तावेज
February 2, 2022छोटे व्यापारियों को निराशा, वहीं सडक, रेल, एमएसएमई और मेक इन इंडिया
सहित अन्य परियोजनाओं से बढ़ी उम्मीद
आम बजट पर छत्तीसगढ़ चेम्बबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) छत्तीसगढ़ चेप्टर के चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चैबे ने बताया कि यह बजट छोटे व्यापारियों के लिए निराशाजनक रहा, लेकिन दीर्घकालीन प्रावधानों की वजह से इस बजट से बेहतर दूरगामी परिणाम मिल सकते हैं।
छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष व कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट एक संतुलित आर्थिक दस्तावेज है प्रतीत हो रहा है। हालांकि इससे छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत नहीं मिली है। कैट ने ई-कॉमर्स पॉलिसी को लेकर लगातार मजबूत कानून की मांग की थी, वहीं जीएसटी के सरलीकरण के साथ ही आयकर स्लैब में इजाफे का प्रस्ताव सौंपा गया था। इन सब में निराशा हाथ लगी है, लेकिन बाकी प्रावधानों से उम्मीद है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था में दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकता है।
परवानी ने कहा की हमें खेद है कि जीएसटी कर ढांचे के सरलीकरण और युक्तिकरण के संबंध में कुछ भी ठोस घोषणा नहीं की गई है जो ‘‘एक बाजार-एक कर‘‘ के सिद्धांत के विपरीत है और व्यापारियों के लिए उन्हें आयकर के सम्बंधित कॉर्पोरेट क्षेत्र के बराबर रखने की भी कोई घोषणा नहीं की गई है एवं इसके साथ ही ई कॉमर्स में छाए मनमाने पर भी कोई बात

न कहने से देश भर के व्यापारियों में बहुत निराशा है । युवाओं में बढ़ते उत्साह को देखते हुए डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो मुद्रा को इस बजट में प्राथमिकता पर लिया गया है साथ ही 2 लाख आंगनबाडी और डिजिटल बैंकिंग का डिजिटलीकरण ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर तरीके से जोड़ेगा तथा उनके जरिये बाजार में पैसा आने की संभावनाएं बढ़ेंगी एवं 5 लाख करोड़ रुपये के साथ ईसीजीएल योजना के विस्तार, पीएलआई योजना को विभिन्न क्षेत्रों से जोडने सहित कई नई घोषणाओं से ना केवल छोटी विनिर्माण इकाइयों को लाभ होगा, बल्कि व्यापारिक क्षेत्र का भी लाभ होगा क्योंकि विनिर्माण सामान और उपभोग योग्य आय में वृद्धि से अर्थव्यवस्था को लाभ पहुँचेगा और व्यापार क्षेत्र में वित्तीय तरलता बढ़ने की बड़ी संभावनाएं मौजूद रहेंगी।