तुमगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल हॉस्पिटल के रूप में उन्नयन की मांग पर संसदीय सचिव ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र….
January 9, 2022
महासमुंद 09 जनवरी 2022/ संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर नगर पंचायत तुमगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल हॉस्पिटल के रूप में उन्नयन करने ध्यानाकर्षित कराया है।
संसदीय सचिव व विधायक चंद्राकर ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि जिला हॉस्पिटल महासमुंद, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध हो गया है लिहाजा जिला हॉस्पिटल का अस्तित्व शून्य हो गया है। चूंकि महासमुंद जिला विस्तृत क्षेत्र एवं भौगोलिक दृष्टि से वनाच्छादित के साथ ही अधिक लंबाई वाला जिला है। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार की जरूरत है। महासमुंद में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ होने की स्थिति में सौ बिस्तर जिला चिकित्सालय-सिविल हॉस्पिटल की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उन्होंने बताया कि तुमगांव नगर पंचायत राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर स्थित है और नगर पंचायत का समुचित विकास कराया जा रहा है।
तुमगांव में जिला हॉस्पिटल प्रारंभ किए जाने की सभी सुविधाएं उपलब्ध है। वर्तमान में तुमगांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान में रखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन करते हुए सौ बिस्तर जिला चिकित्सालय-सिविल हॉस्पिटल प्रारंभ किए जाने की मांग आमजनों द्वारा की जा रही है। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुमगांव का उन्नयन करने की मांग की है।
अनुदान की बाध्यता समाप्त करने की जरूरत
संसदीय सचिव व विधायक चंद्राकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से किसानों को कृषि कार्य के लिए बोर खनन पश्चात परिवार के एक सदस्य को एक विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने की बाध्यता को समाप्त करने की मांग की है। मुख्यममंत्री बघेल को लिखे पत्र में संसदीय सचिव चंद्राकर ने बताया कि छग राज्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली पंपों के उर्जीकरण के लिए एक लाख प्रति पंप आवश्यक लाइनविस्तार व्यय स्वीकृत है। अपवाद स्वरूप डेढ़ लाख रूपए व्यय पर लाइन विस्तार का कार्य का भी विभाग द्वारा प्रचलित है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान योजना अनुदान की पात्रता प्रक्रिया में इस बात का उल्लेख है कि इस योजना में प्रदेश के कृषक परिवार के केवल एक सदस्य को एक विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने की पात्रता रहेगी। लिहाजा एक लाख लाख रूपए का अनुदान किसानों को नहीं मिल पा रहा है। जिससे किसानों को कृषि कार्य के लिए विद्युत कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने अनुदान की बाध्यता समाप्ता करने की मांग की है।