महासमुंद- वेतन विसंगति को लेकर सहायक शिक्षकों का एक सुत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल… अभी नहीं तो कभी नहीं के तर्ज पर, 13 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे…
December 12, 2021महासमुंद 12 दिसंबर 2021/वेतन विसंगति की एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश स्तरीय संघ के आह्वान पर आज से राज्य भर के ब्लाकों में सहायक शिक्षक संघ के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। सहायक शिक्षकों के इस आंदोलन से स्कूलों में ताला लटकने लगे हैं , जिसमें शिक्षकों ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया है।
सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति का मामला शुरू से बना हुआ है ,क्योंकि इनके वेतन में शिक्षक और व्याख्याता की तुलना में काफी अंतर है ।जिसके कारण सहायक शिक्षकों को प्रतिमाह 10 से 15 हजार रूपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है ।
शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति ज्यादा गंभीर हो गया है ,इस वेतन विसंगति को दूर करने की मांग काफी समय से किया जा रहा है ,लेकिन अभी तक इसका कोई भी हल नहीं निकल पाया है। कांग्रेस पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र के माध्यम में शिक्षकों के वेतन विसंगति को सरकार बनने के बाद दूर करने कि बात कह गए थे।जिसका निवारण अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में शिक्षकों को सरकार के ऊपर ऊपर शंका जाहिर करना लाजमी है।
सहायक शिक्षकों के वेतन में विसंगति है इसे सरकार ने भी मान लिया है ,इसके बाद भी वेतन विसंगति को दूर नहीं किया जा रहा है । इससे परेशान होकर प्रदेश के सहायक शिक्षकों ने छग सहायक शिक्षक फेडरेशन के नेतृत्व में आन्दोलन करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश भर के सहायक शिक्षक 13 दिसम्बर को करेंगे विधान सभा का घेराव
सहायक शिक्षकों द्वारा आन्दोलन की शुरुआत आज यानी 11 दिस्मबर से किया जा रहा है ,और पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार 11 और 12 दिसम्बर को ब्लॉक मुख्यालय में आन्दोलन किया जाएगा और उसके बाद भी उनकी मांग नहीं माने गए तो 13 दिसम्बर राजधानी रायपुर में विशाल रैली के साथ विधान सभा का घेराव करने का निर्णय लिया गया है।
अभी नहीं तो कभी नहीं के तर्ज पर धरना प्रदर्शन करेंगे शिक्षक
सहायक शिक्षकों द्वारा इस बार आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है ,और जब तक उनकी एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति दूर नहीं हो जाती तक आन्दोलन करने का निर्णय लिए है।
सरकार के तीन वर्ष पूरा होने को है लेकिन चुनावी घोषणा पत्र में किये गए वादे क्रमोन्नति और वेतन विसंगति दूर करने के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है . जिसके कारण प्रदेश के सहायक शिक्षक अभी नहीं तो कभी नहीं के थीम में आन्दोलन के लिए कमर कस लिए है।
स्कूलों में लटके ताले, मध्यान्ह भोजन ठप्प
सहायक शिक्षकों के अनिश्चित कालीन आन्दोलन में चले जाने से प्रदेश के सभी प्राथमिक स्चूलों में ताले बंदी की स्थिति निर्मित हो गयी। सरकारी अमले में व्यवस्था को सँभालने का प्रयास किया जा रहा है -कि कम से कम बच्चों का मध्यान्ह भोजन बन जाये।
स्कूलों में ताले बंदी से बच्चों के पढ़ाई फिर से प्रभावित हो जायेंगे ,क्योंकि दो साल तक कोरोना के कारण स्कूल के ताले बंद थे और अब हड़ताल के कारण स्कूल बंद हो गए है।
धरना प्रदर्शन में सिराज बक्श (प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष), बी. पी. मेश्राम(प्रदेश विधिक सलाहकार), ईश्वर चंद्राकर(जिलाध्यक्ष),बाबूलाल ध्रुव(अध्यक्ष) राजेश चंद्राकर(कार्यकारी अध्यक्ष) राजेश भालेराव(सचिव), आत्माराम साहू(कोषाध्यक्ष), पुरषोत्तम चंद्राकर (ब्लांक उपाध्यक्ष) कावेरी वैष्णव(जिला अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ) मुनिया निर्मलकर(अध्यक्ष,ब्लॉक महिला प्रकोष्ठ),अजय बंजारे, सीमा यादव, अंजू ध्रुव, माया भोंसले, सीमा चंद्राकर, लोकेश्वर मोंगरे(जिला उपाध्यक्ष), पीताम्बर पाठक(जिला महासचिव), लव कुमार निर्मलकर, विजय राजपूत, संदीप साहू(जिला पदाधिकारी), संकुल अध्यक्ष गण क्रमशः :- जितेंद्र चंद्राकर,जितेंद्र सिन्हा, विवेक चंद्राकर, गोपाल साहू, मुकेश बैस, अर्जुन गिरी गोस्वामी, जी.एल.साहू, राहुल चौधरी, मनोज साहू, मुकेश चंद्राकर, खोरबाहराराम सोनवानी, लक्खू ढीढी, तारकेश्वर साहू, भोजराम साहू, यश चक्रधारी, मुकेश चंद्राकर, भुनेश्वर मारकंडे, कैलाश साहू,शफीक अहमद खान, गोपीनाथ पांडेय सहित सैकड़ों की तादाद में शिक्षक गण उपस्थित रहे।