नारायण ही सूर्य के रूप में आते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है।:ब्रह्मचारी डॉ इंदुभवानन्द महाराज
January 10, 2021रायपुर – बोरियाकला में स्थित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज के आश्रम में चल रहे सूर्य उपासना में भक्तगण उपस्थित होकर कोरोना प्रोटोकॉल को मानते हुए सूर्य की उपासना किये। इस अवसर पर आश्रम प्रमुख ब्रह्मचारी डॉ इंदुभवानन्द महाराज ने बताया कि नारायण ही सूर्य के रूप में आते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है। जगत को प्रकाशित करने के लिए भगवान नारायण सूर्य के रूप में अवतरित होते हैं इसलिए उन्हें भगवान सूर्य नारायण भी कहा जाता है। भगवान नारायण के तीन स्वरूप होते हैं इसलिए सूर्य की तीन रूपों में उपासना की जाती है। प्रातःकाल सूर्य की ब्रह्मस्वरूप में उपासना होती है, मध्यानकाल में विष्णु रूप में उपासना होती है और सायंकाल में रुद्र रूप में उपासना होती है। जो सूर्य की उपासना नहीं करता है उसका शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों का केंद्र बन जाता है इसलिए सूर्य को महाप्राण भी कहते हैं। सूर्य से ही प्राण अनुप्राणित होता है और जीवन संचालित होता है। जो उदित और अस्त हुए सूर्य की उपासना नहीं करता है भले ही वो विष्णु क्यों न हो लक्ष्मी जी उनका साथ छोड़ देती है। अतः प्रातःकाल उदित सूर्य का स्वागत करना प्रत्येक सनातनी का धर्म है। आज पौष मास का बहुत ही दूसरा महा रविवार पर्व था और जो व्यक्ति पौष मास के रविवार को सूर्य की उपासना करता है वह समस्त रोगों से दूर रहता है।