संस्कृत संभाषण शिविर का भव्य समापन समारोह आयोजित

संस्कृत संभाषण शिविर का भव्य समापन समारोह आयोजित

September 25, 2021 0 By Central News Service

महासमुंद 25 सितंबर 2021/ बसना में दस दिवसीय संभाषण शिविर का भव्य समापन समारोह डॉ. अमृतलाल पटेल प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय सरायपाली के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में रमेश कर प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर बसना ,हेमंत साहू प्रांतीय संगठन मन्त्री संस्कृत भारती छ .ग . उपस्थित थे।अतिथियों द्वारा मां भगवती के विग्रह पर दीप प्रज्जवन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।स्वस्ति वचन प्रफुल्ल त्रिपाठी बागबाहरा द्वारा किया गया।बैकुण्ठ दास ने अतिथीयों का परिचय देते हुए जानकारी दी कि शिविर में 8 शिक्षक,3 शिक्षिका,बारह छात्र5 छात्रा 4 व्यावसायी 5 सामाजिक जनो सहित कुल 37 प्रशिक्षार्थियों के द्वारा संभाषण का विधिवत प्रशिक्षण लिया गया।


प्रशिक्षको में धमतरी से होमेश्वर प्रसाद चंद्राकर,रायपुर से हेमन्त साहू,पिथौरा से विवेकानंद दास,महासमुंद से सुखेन्द्र द्विवेदी अध्यक्ष संस्कृत भारती महासमुंदबीउपस्थित थे।रंगारंग कार्यक्रम के बीच प्रशिक्षार्थियों के द्वारा “देशरक्षा ” नामक नाटिका का मंचन किया गया।मुख्य किरदार के रूप में रामाकांति दास ने भाग लिया।इसके अलावा स्वागत गीत रमाकांति व पार्थवी सत्य प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा एकल गीत ,श्यामल भोई अनमोल आदर्श चौधरी,साहिल ने सामूहिक गीत,प्रस्तुत किया।कार्यक्रम में कन्हैयालाल साव शरद प्रधान व गुणसागर प्रधान ने अपने विचार व्यक्त किये।रमेश कर ने नवगठित संस्कृत भारती बसना के पदाधिकारियों के नाम की घोषणा की जिसमे अध्यक्ष रमेश कर मंत्री बैकुण्ठ दास व कार्यकारिणी में शरद प्रधान,पार्थवी सतपथी, कन्हैयालाल साव,रमेश अग्रवाल,राजेश साहू,चित्तरंजन साहू,ध्रुव बारीक,सुंदर प्रधान,श्यामल भोई आदि हैं।संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में ये सभी अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।हेमंत साहू ने संस्कृत भारती के इतिहास व उद्देश्यो का विस्तार से विवरण दिया।

मुख्य वक्ता के रूप में डॉ अमृतलाल पटेल ने संस्कृत भाषा से अपना वक्तव्य आरंभ किया व बताया कि महाविद्यालयों में संस्कृत स्नातक व स्नातकोत्तरिय भाषा हेतु जनमानस छात्रों की ओर से मांग उठे तो शासन इस ओर जरूर ध्यान देगी किन्तु इस तरह की मांग न आने से संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार सम्यक रूप से नही हो पा रहा है।उन्होंने संस्कृत शिक्षकों से संस्कृत भाषा की गरिमा व सांस्कृतिक विकास के लिए इसकी आवश्यकता पर जोर देते हुए इसे व्यावहारिक बनाने का आह्वान किया।अंत मे पतंजलि योगपीठ बसना के रमेश अग्रवाल के द्वारा शिविर अनुभव को विस्तार से बताया।मंचस्थ अतिथियों का आभार प्रदर्शन सौरभ अग्रवाल के द्वारा किया गया।शिविर व्यवस्था में राजेश साहू,चित्तरंजन साहू विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।कार्यक्रम का सफल संचालन जगेशर दास व बैकुण्ठ दास ने संयुक्त रूप से किया। उक्त जानकारी संस्कृत भारती बसना द्वारा भेजी गई है।