सड़क में गड्ढे है या गड्ढे में ही सड़क बनी है -किसान नेता अशवंत तुषार साहू
September 6, 2021महासमुंद 06 सितंबर 2021/ छत्तीसगढ़ राज्य की सड़कों की हालत ठीक नहीं है। बरसात पूर्व आनन-फानन में जिन सड़कों की मरम्मत की गई थी वे सड़कें गिटिï्टयों के बह जाने से खोखली हो गईं हैं। इसके कारण सड़कें जगह-जगह धंस रही हैं। आस-पास के भवनों में भी दरारें पड़ जा रही है। लोगों में दुर्घटना की आशंका बनी हुई है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। महासमुन्द की हालत चिराग तले अंधेरे की तरह है। कारण प्रदेश के संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर यहां के विधायक हैं, लेकिन वे भी सड़कों की सुध नहीं लेते। नगर की शायद ही कोई सड़क हो, जिस पर गड्ढे न हों। गड्ढमुक्त सड़कें राज्य सरकारों का ही नारा रहा है। पिछले चुनाव में गड्ढामुक्त सड़कोंं पर ही हो गए, लेकिन सड़कों की हालत नहीं सुधरी।
महासमुुंद की कई ऐसी सड़कें हैं जिसे देखने से यह लगता है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में ही सड़क बनी है। बरसात से पहले जिस तरह से आनन-फानन में सड़कों की मरम्मत की गई, अब वही सड़कें नगर पालिका की कलई खोलने लगी हैं। आए दिन सड़कें धंस रही हैं और लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं, लेकिन इन सड़कों की बदतर हालात के लिए जिम्मेदार अधिकारी या तो हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। सड़कों की मरम्मत से शायद उन्हें कोई सरोकार नहीं रह गया है।
सड़कों की हालत केवल महासमुन्द में ही नहीं खराब है, बल्कि प्रदेश की राजधानी रायपुर सहित जांजगीर, कोरबा, रायगढ़, कोरिया सहित अन्य प्रमुख शहरों की सड़कों की भी कमोबेश यही स्थिति है। हर जगह सड़कें जर्जर हो गई हैं। भ्रष्टाचार की बिसात पर बनीं सड़कें और उस पर आनन-फानन में किए गए पैचवर्क की परतें अब परत दर परत खुल रही हंै। सड़कों की गिट्टी व कंक्रीट बरसात के पानी बहकर नालों में चली गईं। बावजूद इसके संबंधित विभाग के अधिकारियों को सड़कों की जर्जर स्थिति नजर नहीं आ रही है। बरसात बाद सड़कों की मरम्मत के तमाम दावे किए गए थे, लेकिन बरसात का मौसम खत्म हो जाने के बाद भी सड़कों की मरम्मत का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है। अधिकारियों का ध्यान इस समय । प्रभारी मंत्री 15 अगस्त में आने पर जिन सड़कों से पर निकल रहे हैं, उन सड़कों की काया तुरत-फुरत बदलने लगे पटरी उस पार के लोगों का भी प्रभारी मंत्री के इस सड़क में आने का इंतजार कर रहा था । लेकिन बाकी सड़कों की दशा सुधारने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है।
बहरहाल, सरकार को चाहिए कि जर्जर सड़कों की मरम्मत के लिए शीघ्र ही कारगर कदम उठाए। इस के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की नकेल कसे, ताकि जर्जर सड़कों के साथ ही धंस रही सड़कों के कारण होने वाली दुर्घटना से लोगों को निजात मिल सके।