शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं – सुनीता देवदत्त,खरोरा मिडिल स्कूल में गुरू पूर्णिमा उत्सव मनाया गया

शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं – सुनीता देवदत्त,खरोरा मिडिल स्कूल में गुरू पूर्णिमा उत्सव मनाया गया

July 24, 2021 0 By Central News Service



राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक मधु शर्मा का सम्मान किया गया
अतिथियों द्वारा गुरु छाया कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण भी किया गया

महासमुंद 24 जुलाई 2021/ गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर शासकीय उच्च प्राथमिक शाला खरोरा में मोहल्ला क्लास में गुरु पूर्णिमा एवं गुरु छाया कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती एस चंद्रसेन विकास खंड शिक्षा अधिकारी, अध्यक्षता सुनीता देवदत्त चंद्राकर सरपंच ग्राम पंचायत खरोरा, विशेष अतिथि मधु शर्मा राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षिका, विशेष अतिथि हेमलता चंद्राकर उपसरपंच, संस्था प्रमुख उमेश भारती गोस्वामी द्वारा सरस्वती माता के छायाचित्र में पूजा अर्चना के साथ गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सर्वप्रथम अतिथियों ने प्रकृति संरक्षण के संदेश के साथ गुरु छाया थीम पर किचन गार्डन में वृक्षारोपण किया, तत्पश्चात शिक्षा विभाग की गौरवशाली पुरस्कार राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका मधु शर्मा का सम्मान किया।

इस अवसर को संबोधित करते हुए सभी अतिथियों ने गुरु की महिमा का बखान किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एस चंद्रसेन ने कहा कि प्राचीन काल से ही पृथ्वी में गुरु का सर्वश्रेष्ठ योगदान रहा है गुरु अपने विद्यार्थियों के शिक्षा के लिए खुद तपस्या कर विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण, नैतिकतावान, ज्ञानवान, ऊर्जावान, क्षमतावान, बुद्धिमान, सर्वगुण संपन्न बनाने के लिए हमेशा नवीन ज्ञान अर्जित कर बच्चों को सिखाते रहते हैं। कोरोना के इस वैश्विक महामारी में भी शिक्षक नए-नए प्रयोग कर शिक्षा को अंतिम छात्र तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुनीता देवदत्त चंद्राकर ने कहा कि शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं। माता-पिता हर बच्चे का प्रथम गुरु होता है जो पालन पोषण कर समाज में रहने लायक बनाता है। दूसरा गुरु पाठशाला में पढ़ाने वाले शिक्षक होते हैं जो विषय आधारित शिक्षा देते हैं। और तीसरा गुरु धर्म की राह पर चलाना सिखाते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उमेश भारती गोस्वामी प्रधान पाठक ने कहा कि महर्षि वेदव्यास जी को प्राचीन भारतीय ग्रंथों के अनुसार प्रथम गुरु का दर्जा प्राप्त है तभी तो गुरु पूर्णिमा वेदव्यास जी को समर्पित है महर्षि व्यास जी ने वेदों, अठारह पुराणों और महाकाव्य महाभारत की रचना की थी।

कार्यक्रम को मधु शर्मा, जागेश्वर सिन्हा ने भी संबोधित किया। भूमिका, छाया, दीक्षा ने गुरू महिमा के क्रमशः भाषण, कविता व गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार दुबे कुमार पटेल ने व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक डोमार साहू, मोना चंद्राकर, रामेश्वरी ध्रुव, चन्द्रकान्त चन्द्राकर, रामप्रसाद, घनश्याम, जितेन्द्र, समीर, दीक्षा, चांदनी, अश्वेत, डिम्पल सत्यम, सुहानी सहित बाल पंचायत का विशेष योगदान रहा।