हिमाचल धर्मशाला इलाकों में कई जगह बादल फटने से मची तबाही, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर संभव मदद कर रही है सरकार

हिमाचल धर्मशाला इलाकों में कई जगह बादल फटने से मची तबाही, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर संभव मदद कर रही है सरकार

July 13, 2021 0 By Central News Service

हिमाचल /रायपुर 13 जुलाई 2021/ हिमाचल इलाकों में कई जगह बादल फटने से मची तबाही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर संभव मदद कर रही है केन्द्र सरकार ।
हिमाचल प्रदेश में आसमान से आफत टूटी है। राज्य के कई इलाकों में बादल फटने की वजह से भारी तबाही आ गई है, धर्मशाला में कई गाड़िया बह गईं, घर और दुकान भी गिर गए. शिमला के पास सड़क बहने से रास्ते बंद हो गए. राज्य में 16 जुलाई तक इसी तरह से मानसून की बारिश होगी. इस बीच पीएम मोदी ने कहा कि राज्य को हर संभव मदद दी जा रही है. हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण स्थिति पर नजर रखी जा रही है. अधिकारी राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हर संभव सहयोग दिया जा रहा है. मैं प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं.”

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की. अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा, “हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश से आयी प्राकृतिक आपदा के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की है। राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीमें शीघ्र वहां पहुंच रही हैं. गृह मंत्रालय स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहा है. केंद्र की ओर से हिमाचल को हर संभव मदद दी जाएगी.”
अमित शाह के ट्वीट पर मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से निपटने एवं राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीमें भेजने हेतु केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार. हमारी सरकार भी इस स्थिति से निपटने हेतु हरसंभव कार्य कर रही है.”

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश के जिला कांगड़ा सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारी बरसात के कारण काफी नुकसान हुआ है, जिसकी हमने रिपोर्ट मंगवाई है. हमने सभी जिलों के उपायुक्तों को राहत कार्यों एवं प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दे दिए हैं.” सीएम ने आगे कहा, “प्रदेशवासियों एवं पर्यटकों से विनम्र आग्रह है कि खराब मौसम के दृष्टिगत सावधानियां बरतें. नदी-नालों एवं भूस्खलन संभावित स्थानों के करीब न जाएं