मनरेगा में काम करने के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को मिलेंगे एक लाख का मुआवजा, कलेक्टरों को जारी किया निर्देश
July 10, 2021रायपुर 10 जुलाई 2021/राज्य सरकार ने कहा कि मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्मिक की सेवा काल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को एक लाख रुपए का अनुकंपा अनुदान प्रदान किया जाएगा। राज्य मनरेगा कार्यालय ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों-सह-जिला कार्यक्रम समन्वयकों (मनरेगा) को संशोधित परिपत्र जारी किया है। पूर्व में जारी परिपत्र में अनुकंपा अनुदान को मनरेगा में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा कर्मी के स्थान पर त्रुटिवश कार्मिक एवं श्रमिक शब्द का उल्लेख कर दिया गया था। राज्य मनरेगा आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने सभी कलेक्टरों को जारी परिपत्र में कहा है कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से जारी मनरेगा संचालन मार्गदर्शिकामें दिए गए निर्देश और छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से वर्ष 2019 में जारी परिपत्र के अनुसार महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यरत रहे, ऐसे दिवंगत दैनिक वेतन भोगी या सीधी भर्ती से संविदा पर नियुक्त कर्मचारी (सेवानिवृत्त कर्मचारियों को छोड़कर) जिनकी निरंतर दो वर्ष की सेवा पूर्ण हो चुकी हो, उनके आश्रित परिवार के नामांकित सदस्य को एकमुश्त राशि एक लाख रूपए “अनुकम्पा अनुदान” के रूप में दिए जाने का प्रावधान है। मनरेगा आयुक्त ने संशोधित परिपत्र में कहा है कि इन निर्देशों के परिपालन में मनरेगा के अंतर्गत नियुक्त एवं दो वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मियों की मृत्यु होने पर उनके आश्रित परिवार के नामांकित सदस्य को योजना के प्रशासनिक मद से अनुकम्पा अनुदान के रूप में एक लाख रुपए की एकमुश्त राशि का भुगतान किया जा सकता है। यह निर्देश जारी दिनांक से प्रभावशील माना जाएगा।