भाजपाई को अभिव्यक्ति की आजादी का नाम लेने का भी नैतिक अधिकार नहीं- गिरीश देवांगन

भाजपाई को अभिव्यक्ति की आजादी का नाम लेने का भी नैतिक अधिकार नहीं- गिरीश देवांगन

May 22, 2021 0 By Central News Service

अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र को सबसे ज्यादा नुकसान इन 7 वर्षों में मोदी सरकार ने पहुंचाया है

कूट रचित दस्तावेज का उपयोग व प्रसार अपराध

*रायपुर : 22 मई 2021 भाजपा नेताओं की नौटंकी रूपी दिशाहीन आंदोलन पर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा कि कि भाजपा नेता आपदा में अवसर की तलाश कर रहे हैं। रमन सिंह जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं की गतिविधियों से लोकतंत्र को नुकसान हो रहा है । भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के विरुद्ध हुए एफ आई आर पर भाजपाई स्वयं चिंतन करें तो उन्हें स्वयं उन्हें रमनसिंह को दोषी करार देने के लिए भी धरना करना पड़ेगा।

अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र को सबसे ज्यादा नुकसान इन 7 वर्षों में मोदी सरकार ने पहुंचाया है। लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी के नाम से किसी कूट रचित दस्तावेज के उपयोग और प्रसार को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। किसी के सम्मान को नुकसान पहुंचाने के लिए की गयी कूट रचना और ऐसा कृत्य जिससे लोक शांति भंग हो वह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है

भाजपा नेताओं द्वारा सिर्फ डॉ रमन ने एक ट्वीट ही तो किया है कहना हास्यास्पद है क्योंकि एक जिम्मेदार राजनीतिक पद पर रहते हुए अपनी राजनीतिक निष्ठा प्रदर्शित करने के लिए कूटरचित दस्तावेज को असल रूप में सोशल मीडिया में जारी करना गंभीर अपराध है । यहां यह बताना भी आवश्यक है कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बैठी है और उसके निर्णयों और असफलता देश सामने उजागर हुए है तो उस समय भाजपा के लोग नए प्रपंच कर जनता का ध्यान असफलता से हटाने के लिए साजिशों में संलिप्त रहते हैं कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए प्रारंभ से ही केंद्र की भाजपा सरकार पूरी तरह से असफल रही और तो और मानव जीवन को सुरक्षा कवच प्रदान करने वाली वैक्सीन लगाने की समय सीमा में लगातार केंद्र सरकार द्वारा किया गया परिवर्तन वेक्सीन मामले में भी केंद्र सरकार की विश्वसनीयता को भी कटघरे में खड़ा कर दिया गया है ।

भाजपा प्रवक्ता के ट्वीट के बाद उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष उपाध्यक्ष महासचिव केंद्रीय मंत्री सभी ने उन कूटरचित दस्तावेजों को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने का जो षड्यंत्र रचा वह लोकतत्र में स्वीकार्य नहीं है अपराध के दायरे में आने वाले व्यक्ति और उसके कृत्य को संरक्षण देना या उसके कृत्य को दोहराना भी अपराध की श्रेणी वाला कृत्य है