राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों, भूतपूर्व सैनिकों और एनसीसी कैडेट्स से किया संयुक्त आह्वान

राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों, भूतपूर्व सैनिकों और एनसीसी कैडेट्स से किया संयुक्त आह्वान

April 28, 2021 0 By Central News Service

राज्य में कोविड नियंत्रण और पीड़ितों की मदद के लिए शासन-प्रशासन के साथ मिलकर काम करें

राज्य में कोरोना नियंत्रण एवं जरूरतमंदो की मदद को लेकर वर्चुअल बैठ

रायपुर, 28 अप्रैल 2021/ राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उइके की अध्यक्षता में आज आयोजित वर्चुअल बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में तैनात सुरक्षाबल के विभिन्न बटालियन के प्रमुखों, राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड तथा एनसीसी के अधिकारियों से राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति, नियंत्रण एवं बचाव के उपायों सहित पीड़ित एवं जरूरतमंद लोगों की मदद को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह श्री सुब्रत साहू, डीजीपी श्री डी.एम. अवस्थी मौजूद थे।

राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उइके ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सबको एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना की इस लड़ाई में सुरक्षाबल के जवान, भूतपूर्व सैनिक और एनसीसी के कैडेट्स किस तरह अपनी सार्थक भूमिका निभा सकते हैं, इसी उद्देश्य से यह बैठक आहूत की गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना देश का गौरव है, जब भी देश पर कोई संकट आया अथवा प्राकृतिक आपदा आई, सेना ने हर मुश्किल घड़ी में आगे आकर मदद की है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड संक्रमण की वर्तमान स्थिति के नियंत्रण एवं जरूरतमंदों को मदद पहुंचानें में शासन-प्रशासन लगा हुआ है। इसमें आप सबके सहयोग की भी आवश्यकता है। उन्होंने सुरक्षाबल के जवानों एवं भूतपूर्व सैनिकों से अपनी दक्षता के अनुरूप शासन-प्रशासन का सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी से अपील करती हूं कि जो भी व्यक्ति अपने आप को जिस योग्य या जिस सेवा के लिये उपयुक्त समझे वह उसमें मदद करें। आपकी इस मदद से शासन की क्षमता में वृद्धि होगी और लोगों की जान भी बचेगी। आपके बल के जवान सीमावर्ती क्षेत्रों में कार्य करते है जहां गरीब आदिवासी व्यक्ति निवास करते हैं जिन्हें बहुत अधिक जानकारी नहीं होती है और वे कोविड से पीड़ित हो जाते है,ऐसे में उन्हें ये ज्ञात नहीं होता कि वे अपनी मदद कैसे करे, ऐसी स्थिति में आपके बल के जवान ऐसे ग्रामीणजनों की मदद करें। उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करें और प्रशासन को सूचित कर उन्हें विभिन्न प्रकार की सहायता पहुंचाये। यह अपने दायित्वों के अतिरिक्त सबसे बड़ी मानव सेवा होगी जिसकी आज सख्त आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बैठक को संबोधित करते हुए राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति और इसकी रोकथाम तथा पीड़ितों के उपचार के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ एवं विस्तारित करने के संबंध में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण को देखते हुए हॉस्पिटल, आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड आदि की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी की गई है। आवश्यक दवाओं की आपूर्ति के साथ ही कोरोना की रोकथाम के लिए टीकाकरण कराया जा रहा है। अब तक 54 लाख से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। 70 लाख 30 हजार से अधिक लोगों का कोविड टेस्ट हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड मरीजों का रिकवरी रेट बढ़ा है। राज्य सरकार स्वयंसेवी, समाजसेवी संस्थाओं, सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों एवं दानदाताओं के सहयोग से कोरोना पीड़ितों और जरूरतमंदों की लगातार मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुरक्षाबलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं एनसीसी जैसे संगठनों की सेवा की जरूरत है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर सुरक्षाबल के जवानों, भूतपूर्व सैनिकों एवं एनसीसी के कैडेट्स से स्वयं, अपने परिवार एवं आस-पास के लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए कोविड नियम को पालन सुनिश्चित करने के साथ ही 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को एक मई से शुरू हो रहे कोरोना टीका महाअभियान में टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने तथा 45 वर्ष से अधिक उम्र के छूटे हुए लोगों के टीकाकरण में सहभागिता निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण को लेकर लोगों के मन से संशय एवं भ्रम को दूर किया जाना चाहिए। संक्रमित लोगों को तत्काल कोरोना टेस्ट कराने तथा कोविड के लक्षण वाले एवं होम आइसोलेशन में रह रहे, ऐसे लोग जो नियम का पालन नहीं कर रहे हैं उनके बारे में स्थानीय प्रशासन को जानकारी दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि रेमडेसिविर एवं अन्य दवाएं आवश्यकतानुरूप चिकित्सालयों को उपलब्ध करायी जा रही है। इसकी कालाबाजारी अथवा हास्पिटल की मनमानी तथा बाहर से आने वालों की सूचना भी स्थानीय प्रशासन को देने में आप सबके सहयोग की जरूरत है। उन्होंने एनसीसी के कैडेट्स से सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए कोरोना की रोकथाम, वैक्सीनेशन एवं प्रोटोकाल के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा नकारात्मक सूचनाएं पोस्ट करने वाले लोगों को रोकने और समझाईश देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने एनसीसी कैडेट्स से अपने आस-पास के इलाके के कोरोना मरीजों से नियमित रूप से मोबाइल से संपर्क कर उनका मनोबल बढ़ाने और जरूरतमंदों की मदद के लिए नेटवर्क तैयार करने की भी अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक आजीवन सैनिक होता है। उन्होंने कहा कि यह इंसानियत की सेवा का समय है। इसमें हम सबको एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।

गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोरोना महामारी की रोकथाम और पीड़ितों की सेवा के लिए हर संभव व्यवस्था की जा रही है। राज्य में इसके लिए फंड की कमी नहीं है। उन्होंने पुलिस कर्मियों द्वारा इस महामारी से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और सुरक्षाबलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं एनसीसी कैडेट्स से इस कार्य में सहयोग की अपील की।

बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी, डीजी नक्सल ऑपरेशन श्री अशोक जुनेजा, सीआरपीएफ के आईजी श्री प्रकाश डी., आईटीबीपी के आईजी श्री संजीव राणा, सीआईएसएफ, बीएसएफ, राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड, एसएसडी के प्रमुख ने जवानों के टीकाकरण, क्वारेंटीन सेंटर, उपचार आदि की व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थित को देखते हुए बटालियन के मेडिकल कर्मियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण अत्यधिक है वहां के रहने वाले जवानों के अवकाश को भी प्रतिबंधित किया गया है। अवकाश से लौटकर आने वाले जवानों को बटालियन द्वारा स्थापित क्वारेंटीन सेंटर में रखने के साथ ही उनका कोरोना टेस्ट भी कराया जा रहा है ताकि संक्रमण को रोका जा सके। एनसीसी के डिप्टी कमाण्डर ने बताया कि राज्य में 8 हजार सीनियर कैडेट्स हैं। उन्होंने प्राथमिकता से इनका वैक्सीनेशन कराए जाने का आग्रह किया ताकि इनकी सेवाएं कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए ली जा सके।