कश्मीर में आतंकवाद के साथ खालिस्तान आंदोलन को भी हवा देने में लगी ISI, दिल्ली पुलिस ने खोला कच्चा चिट्ठा
December 7, 2020की स्पेशल सेल ने शकरपुर से पांच संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो पंजाब के हैं, जबकि तीन कश्मीर के रहने वाले हैं। पुलिस को उनके पास से तीन पिस्टल, दो किलो हेरोईन और एक लाख कैश मिला है। स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक, इनकी गिरफ्तारी दिखाती है कि आईएसआई (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) किस तरह को कश्मीर में आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश कर रही है। पकड़े गए आतंकियों में से एक पंजाब के शौर्य चक्र अवार्डी बलविंदर सिंह की हत्या में शामिल बताया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस ने किया साजिश का भांडाफोड़कुशवाहा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गैंगस्टर्स का इस्तेमाल टारगेटेड हत्याओं के लिए हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे दो फायदे होते हैं- सांप्रदायिक तनाव पैदा होता है और आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने वालों का मनोबल टूटता है। पुलिस ने कहा कि अक्टूबर में बलविंदर सिंह की हत्या में गुरजीत सिंह भूरा और सुखदीप शामिल थे। इनका खाड़ी में रहने वाले किसी सुखमीत और अन्य गैंगस्टर्स से संपर्क था। इन गैंगस्टर्स के आईएसआई ऑपरेटिव्स से जुड़ाव की भी बात सामने आई है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि इन्होंने कबूल लिया है कि जो हथियार बरामद हुए हैं, उन्हीं से हत्या की गई थी।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, जिन तीन कश्मीरियों को पकड़ा गया है, वे के ओवरग्राउंड वर्कर्स कहे जा सकते हैं। इन लोगों के लिए पाकिस्तान में सेटअप था और पीओके में उनके साथी मौजूद हैं। पुलिस का दावा है कि आईएसआई कश्मीर और खालिस्तान आंदोलन को मिलाने की कोशिश में है। कुशवाहा ने कहा कि इस मामले के दो पहलू हैं। एक कश्मीर का है और दूसरा पंजाब के गैंगस्टर्स का। पंजाब के गैंगस्टर टारगेटेड हत्याएं करते हैं और कश्मीर का धड़ा ड्रग्स और टेरर फंडिंग में लिप्त है।
किसान आंदोलन से नहीं है कोई कनेक्शनइन संदिग्यों की गिरफ्तारी ऐसे वक्त में हुई है जब दिल्ली में किसानों का आंदोलन चरम पर है। इस आंदोलन के बीच से भी खालिस्तान से जुड़े कुछ संदर्भ सामने आए थे। हालांकि पुलिस ने साफ किया कि इन गिरफ्तारियों का फिलहाल जारी किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।