
देश का भविष्य सारिक अस्थि बाधित दिव्यांग चुनौतियों को जीत में बदलने वाले रायपुर के दिव्यांग लेखपाल पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक
May 21, 2025सेवानिवृत्ति जीवन का वह पड़ाव है जहां हम अपने कामों की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं और नई पारी की शुरुआत प्रेरणादायक लेखापाल श्री नरोत्तम लाल साहू अपनी दिव्यांग़ता को बनाया अपना ताकत शिक्षा से निर्माण कर रहे हैं देश का भविष्य सारिक अस्थि बाधित दिव्यांग चुनौतियों को जीत में बदलने वाले रायपुर के दिव्यांग लेखपाल पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक अगर हिम्मत और धैर्य आत्मविश्वास हो तो कोई भी लक्ष्य संभव नहीं है संघर्ष से सफलता की कहानी जीवन में कई संघर्ष जिले आर्थिक तंगी सारी कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने शिक्षा को अपना लक्ष्य बनाया जिन्होंने ग्रामीण परिवेश से कठिन हालातो के बीच अपनी पढ़ाई पूरी की दिव्यंगता को नहीं बनने दे जीवन में कमजोरी रायपुर से लगे गांव डुंडा जन्म 9 मई 1963 में प्राथमिक शिक्षा गांव में मिडिल हाई स्कूल की शिक्षा रायपुर कॉलेज रायपुर गांव से 10 किलोमीटर पैदल यात्रा कर पढ़ाई पूरा कर टाइपिंग परीक्षा पास किया तत्पश्चात 1986 में प्रथम नियुक्ति हुआ शिक्षा विभाग विकासखंड शिक्षा कार्यालय धमधा में लिपिक के रूप में हुआ चुनौतियों को जीत में बदलने वाले श्री नरोत्तम लाल साहू जी सेवाकाल में अनुशासन निरंतर ड्यूटी छुट्टी नहीं लिया जीवन में तीन बार पैर फैक्चर हुआ ऑपरेशन हुआ जल्द ड्यूटी ज्वाइन किया निरंतर प्रतिदिन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक प्रतिदिन 10 किलोमीटर पैदल यात्रा 15 वर्ष की आयु से प्रारंभ किया आज भी वह निरंतर जारी है ड्यूटी विकासखंड शिक्षा कार्यालय सिमगा लेखपाल तत्पश्चात हायर सेकेंडरी स्कूल बन सकरा वर्तमान में सेवा निवृत हो रहे हैं 31 मई 2025 को शिक्षा विभाग विकासखंड सिमगा उल्लेखनीय कार्य सेवा योगदान अमूल्य है