छग सनातन दशनाम गोस्वामी समाज के तत्वावधान में मोहन पुरी गोस्वामी की अध्यक्षता में जगदगुरु शंकराचार्य भगवान की जयंती का आयोजन संपन्न

छग सनातन दशनाम गोस्वामी समाज के तत्वावधान में मोहन पुरी गोस्वामी की अध्यक्षता में जगदगुरु शंकराचार्य भगवान की जयंती का आयोजन संपन्न

May 5, 2025 0 By Central News Service

रायपुर। 4 मई को छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज के तत्वावधान में प्रदेश अध्यक्ष मोहन पुरी गोस्वामी की अध्यक्षता में जगदगुरु शंकराचार्य भगवान की जयंती का आयोजन शहीद स्मारक भवन, रायपुर में किया गया। जिसमें प्रदेश के समस्त पदाधिकारी तथा विभिन्न जिलों के प्रतिनिधि एवं सामाजिक महंतगण तथा सामाजिक गणमान्यजन तथा मातृ शक्तियों की उपस्थिति रही जिसमें लगभग 1000 की संख्या में प्रतिनिधि उपस्थित हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय श्री अरूण साव जी उपमुख्यमत्री छत्तीसगढ शासन की गरिमामयी उपस्थिति रही तथा कार्यकम की अध्यक्षता माननीया श्रीमती मीनल चौबे, महापौर नगर निगम, रायपुर ने किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में श्रद्धेय डॉ. महंत रामसुन्दर दास, दूधाधारी मठ रायपुर तथा महंत श्री श्री 1008 श्री विवेक गिरी महाराज गौर कांपा आश्रम तथा महाराज श्री शिवानदं तीर्थ, रिषिकेष से तथा श्री निजा सरस्वती जी अमरकंटक धाम मध्यप्रदेश उपस्थित रहे। कार्यक्रम में महंत श्री हरभूषण गिरी, महंत श्री सुरेन्द्र पुरी, महंत श्री अखिलेन्द्र पुरी, महंत श्री कुमार गिरी, महंत श्री चिंतामणी गिरी, भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में सामाजिक सदस्यों द्वारा भगवान शंकराचार्य जी की जयंती पर उनकी जीवनी एवं उनके द्वारा किए गए

कार्यों को लेकर सारगर्भित उद्बोधन प्रदान किया गया। प्रारंभ में समाज के युवा वर्ग द्वारा शोभा यात्रा निकाली गई. नगर भ्रमण किया गया। जितने अवतार हुए और जितने महापुरूष हुए उनकी जीवन में यात्रा का विशेष महत्व है। रामजी ने यात्रा किया तो वे भगवान राम बन गए। कृष्ण जी ने अपने जीवन में अनेक स्थानों की यात्रा की और वे द्वारकाधीश बन गए। भगवान शंकराचार्य ने भी दक्षिण भारत के केरल से भारत के चारों दिशाओं में अपनी यात्रा किया, चारों धाम की स्थापना की तथा सनातन के प्रचार प्रसार के लिए दशनाम गोस्वामी समाज का गठन किया और चारों मठों तथा पूरे दशनाम गोस्वामीयों को सनातन के प्रचार प्रसार का प्रभार सौंप दिया क्योकि उनका स्पष्ट चिंतन था कि भारत माता तभी सुरक्षित रहेगी जब सनातन सुरक्षित रहेगा।

मुख्य अतिथि श्री अरूण साव उपमुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में उल्लेख किया कि भगवान शंकराचार्य ने सनातन की मजबूती के लिए जो कार्य किया उसका ऋणी संपूर्ण सनातनी समाज रहेगा। उन्होंने अपने उद्बोधन में यह भी बताया कि प्रतिकूल परिस्थितियों में सनातन को मजबूती प्रदान करने के लिए भगवान शंकराचार्य का प्रकटीकरण हुआ। उनके ही प्रयास से सनातनियों के चारों धाम की व्यवस्था सुदृढ हो पाई। भगवान शंकराचार्य के आविर्भाव के समय कुछ विधर्मियों द्वारा सनातन की छबि को मलिन करने का जो प्रयास किया जा रहा था उसे शंकराचार्य ने जनमानस के सामने सुन्दर छवि प्रस्तुत किया। विशेष अतिथि श्री डॉ. महंत रामसुसन्दर दास जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भगवान शंकराचार्य जैसी हस्तियां अगर भारत में न होती तो शायद सनातन का सुरक्षित रह पाना असंभव था। आज उनकी जयंती पर

उनहोंने बताया कि संपूर्ण भारत में स्थित सनातन धर्म की सुरक्षा उन्ही का सप्रयास है। विशेष अतिथि श्री विवेक गिरी जी ने बताया कि भगवान शंकराचार्य के अवतरण के समय भी धर्म की हानि हो रही थी और सनातन के अस्तित्व को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा था जिसे सुरक्षित रखने के लिए भगवान शंकर ने स्वयं शंकराचर्य के रूप में अवतार लिया और सनातन की छवि को सुरक्षा प्रदान किया। श्री विवेक गिरी जी ने यह भी बताया कि यदि सनातन रहेगा तो पूरा विश्व सुरक्षित रहेगा। और यदि सनातन का अस्तित्व समाप्त हो गया तो पूरा विश्व में उथल पुथल मच जाएगा। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती मीनल चौबे, नगर निगम रायपुर रूपस्थित हुई। उन्होंने सनातन गोस्वामी समाज के इस भव्य आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में उपस्थित होकर बहुत खुशी हुई। यह जानकारी श्री नरेन्द्र पुरी पूर्व महासचिव एवं प्रचार सचिव हेमंत बन गोस्वामी ने दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से महंत हरभूषण गिरी, महंत श्री विनोद पुरी, महंत श्री सुरेन्द्र पुरी, महंत श्री चिंतामणी गिरी, महंत श्री अखिलेन्द्र पुरी, महंत श्री कुमार गिरी, श्री ओंकार पुरी, श्री संजय गिरी, श्री प्रभाकर बन, श्री सुधीर बन, रायपुर जिला अध्यक्ष श्री बेद पुरी, श्री योगेन्द्र पुरी, श्री रमेश पुरी, दीपक बन, श्री अजय गिरी, संतोष पुरी, नीलम बन, प्रकाश पुरी सहित सपरिवार 1000 से अधिक गणमान्य जन उपस्थित हुए।