केन्द्रीय बजट 2024-25 संतुलित एवं सकरात्मक बजट – कैटकेन्द्रीय बजट में अन्नदाता, महिलाओ, इन्फ्रास्ट्रक्चर, युवाओं, इलेक्ट्रीक वाहन पर फोकस

केन्द्रीय बजट 2024-25 संतुलित एवं सकरात्मक बजट – कैटकेन्द्रीय बजट में अन्नदाता, महिलाओ, इन्फ्रास्ट्रक्चर, युवाओं, इलेक्ट्रीक वाहन पर फोकस

July 23, 2024 0 By Central News Service

रायपुर/देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया कि आज आज केन्द्रीय वित्तमंत्री माननीया श्रीमती निर्मला सीतारमण की ओर से सुबह 11 बजे केन्द्रीय बजट 2024 पेश किया गया।

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय वित्तमंत्री माननीया श्रीमती निर्मला सीतारमण की ओर से सुबह 11 बजे केन्द्रीय बजट 2024 पेश किया गया।

पारवानी एवं दोशी ने आगे बताया कि केन्द्रीय वित्तमंत्री माननीया श्रीमती निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024 पेश किया यह उनका लगातार सातवाँ बजट है, बजट संतुलित एवं सकारात्मक है। कैट बजट का स्वागत करती है। बजट का फोकस आयकर संरचना में बदलाव और भारत में व्यापार करने में आसानी को बेहतर बनाने की पहल को शामिल करना है। यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला प्रमुख आर्थिक दस्तावेज है। इसके लक्ष्यों में 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ में बदलने का रोडमैप तैयार करना शामिल है।

केन्द्रीय बजट 2024 -25 की मुख्य विशेषतांए निम्नानुसार हैः- 1) बजट संतुलित रहा सभी वर्गो को कुछ न कुछ दिया गया है, 2) आयकर स्लैब में परिवर्तन स्वागत योग्य है, 3) मुद्रा लोन को 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 20 लाख रूपये कर दिया गया है, 4) युवाओ को रोजगार एवं स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित किया गया है, 5) सोने के आयात पर कस्टम डूयटी् को घटाया गया है, 6) इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया है, 7) कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, 8) एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की जायेगी 9) कैंसर की तीन दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट, कैंसर के उपकरण भी सस्ते हुए, 10) टैक्स विवादों के 6 महीने में समाधान की कोशिश होगी, 11) एफडीआई कानून को और आसान बनाया जाएगा, 12) राज्यों के लिए लोन की सीमा बढ़ाई गई।