भाजपा सरकार आते ही बिजली कटौती बढ़ी… किसानों के फसल हो रहें है बरबाद… विघुत विभाग और प्रशासन कुंभकर्ण कि तरह चीर निद्रा में….
March 13, 2024संपादक मनोज गोस्वामी
महासमुंद 13 मार्च 2024/ आपकों बता दें कि आने वाले अगामी माह में लोकसभा चुनाव है, अभी बीते महिने में हि भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में पुर्व बहुमत हासिल कर अपनी सरकार बनाई है। जिसमें भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र के माध्यम से किसानों के प्रति काफी कुछ करने कि बात कहीं, लेकिन जैसे ही छत्तीसगढ़ में भाजपा कि विष्णु देव साय कि सरकार बनी है तब से पुरे जिले में विघुत कटौती एवं लो वोल्टेज से किसानों के साथ साथ आम नागरिक भी परेशान हो गया है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य को धान कटोरा कहा जाता है लेकिन किसान आज बेबस और लाचार महसूस कर रहे हैं। क्योंकि इनके पास पानी कि ना तों नहर सुविधा और ना हिं सिंचित करने के और साधन। महज टुयुबेल का पानी किसान अपने खेतों में सिंचित करते हैं, जिसका बकायदा विघुत विभाग में बिल पटाते हैं, लेकिन किसानों को ना तो पर्याप्त पानी सिंचाई करने के लिए मिल रहा है और ना हि फसल बचा सकें उसके लिए। जिसका मुख्य कारण लगातार प्रतिदिन हो रहें विघुत कटौती और लो वोल्टेज कि समस्या।
आपकों बता दें कि किसान अपनी खेतों में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं दे पाने पर फसल बुरी तरह से नष्ट हो गया है । किसानों ने बताया कि इसी प्रकार राज्य सरकार कि अनदेखी और विघुत विभाग कि तानासाही चलते रहा तो, मजबुर किसान हतास होकर आत्महत्या करने मर मजबुर हो जाएंगे।
किसानो ने आगे कहा कि विघुत विभाग को जब भी परेशानी का निवारण करने कहों तो पल्ला झाड़ लेता है। आज भाजपा सरकार किसानों के अनाजों के दाम में बढ़ोतरी कर दिए लेकिन यह नहीं सोच रहे हैं कि किसानों के उनके परिश्रम स्वरूप फसल उनको नहीं मिल पा रहे है, और किसान इसी जुगत में रहते है कि चलो अभी जो नुकसान हुआ उसका रबी फसल सीजन में भरपाई करेंगे, लेकिन जिस प्रकार से विघुत विभाग कि लगातार कटौती और लो वोल्टेज का आंख-मिचौली चल रहा है तो किसान ऐसे में कर्ज में डुबेगा या विवश होकर आत्महत्या करेंगे।
उन्होंने बताया कि जिले के जनप्रतिनिधि भी आंख बंद कर मस्त नींद ले रहे है, उसे कोई मतलब नहीं है कि किसानों कि समस्या क्या है, जब कभी भी सरकार कि तरफ़ से कोई योजना जारी होता है तो बस किसानों के साथ फोटो खिंचवाकर चलें जातें हैं।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में विघुत कटौती और लो वोल्टेज को लेकर कोमाखान क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसानों ने नेशनल हाईवे पर चक्का जाम किए थे, लेकिन आश्वासन के बाद भी जिले कि विघुत विभाग एवं प्रशासन कुंभकर्ण कि तरह घोर चीर निद्रा में है।