गोस्वामी समाज ने कोसरंगी सामाजिक भवन में भगवान दत्तात्रेय प्राकट्य उत्सव मनाया… ब्रम्हा, विष्णु एवं महेश का अवतार भगवान दत्तात्रेय…
December 25, 2023संपादक मनोज गोस्वामी
महासमुंद 25 दिसंबर 2023/ छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज महासमुंद जिला इकाई के तत्वावधान में कोसरंगी गोस्वामी समाज भवन में आज भगवान दत्तात्रेय प्राकट्य उत्सव मनाया गया। जिसमें प्रांत के पदाधिकारी सहित जिला इकाई के पदाधिकारी गण सहित सामाजिक गण उपस्थित रहे।
सर्व प्रथम भगवताचार्य महाराज राजेन्द्र गिरि गोस्वामी के द्वारा मंत्रोच्चारण कर प्रांत के संरक्षक उमेश भारती गोस्वामी, प्रांताध्यक्ष अशोक गिरि गोस्वामी, जिला अध्यक्ष तोषण गिरि गोस्वामी, जिला संरक्षक रामेंद्र गिरि गोस्वामी जी , विजय पुरी गोस्वामी जी, शंकर पुरी गोस्वामी जी ने भगवान दत्तात्रेय के तैल चित्र पर दीपक माल्यार्पण कर श्रीफल चढ़ाकर पुजा अर्चना किए।
तत्पश्चात उद्बोधन में सर्व प्रथम महासमुंद जिला इकाई के अध्यक्ष तोषण गिरि गोस्वामी ने सामाजिक क्रियाकलाप पर चर्चा करते हुए सामाज के भूतपूर्व वरिष्ठ पदाधिकारियों का चित्र अनावरण कर उनके बताएं सतमार्ग में चलने एवं समाज कल्याण कर समाज को अग्रसित करने कि बात कही। इसके अलावा कल दिनांक 26 दिसंबर को धर्म नगरी राजिम में होने वाले प्राकट्य उत्सव पर अधिक से अधिक सामाजिक बंधुओं को उपस्थित होने का निवेदन किया।
समाज प्रमुख प्रांत के संरक्षक उमेश भारती गोस्वामी जी ने भगवान दत्तात्रेय के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान दत्तात्रेय जी ब्रम्हा, विष्णु एवं महेश जी का अवतार के रूप विख्यात है कि किस प्रकार से तीनों देवियों माता अनुसुइया कि पतिव्रता का परीक्षा लेने हठ लगा लिए। तब भगवान ने मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष के पुर्णिमा के दिन एक बालक के रूप भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ। तीनों देवियों ने माता अनुसुइया के पतिव्रता पर को कंलिकंत करना चाहा लेकिन भगवान ने परिणामस्वरुप तीनों देवियों ने अपने पतियों से देवी अनुसूया का पतिव्रता धर्म तोड़ने के लिए कहा. विवश होने पर त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और शिव भिक्षुक रुप में देवी अनुसूया के आश्रम पहुंचे. देवी अनुसूया भिक्षा लेकर आईं, लेकिन त्रिदेव ने लेने से इनकार दिया और भोजन करने की इच्छा जताई. देवी अनुसूया मान गईं, भोजन बनाकर खाने के लिए बुलाया. त्रिदेव आसन पर बैठ गए और उन्होंने देवी अनुसूया को नग्न होकर भोजन परोसने को कहा।
उन्होंने बताया कि देवी अनुसूया पहले नाराज हुईं, लेकिन बाद में अपने तपोबल से त्रिदेव को पहचान लिया। फिर त्रिदेव को बाल स्वरुप में कर दिया। फिर उन्होंने तीनों को भोजन कराया। फिर तीनों को सुला दिया. मां की तरह उनका लालन-पालन करने लगीं। कुछ दिन बीतने पर तीनों देवियों को चिंता सताने लगी। त्रिदेव वापस नहीं आए। फिर वे तीनों देवी अनुसूया के पास गईं और अपनी गलती के लिए क्षमा मांगा।
तीन देवियों ने त्रिदेव को वापस लौटाने को कहा, देवी अनुसूया ने इंकार कर दिय, तब तीनों देवियों ने ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी के अंश से दत्तात्रेय को उत्पन्न किया और उनको पुत्र के रूप में देवी अनुसूया को सौंप दिया। दत्तात्रेय को पुत्र स्वरूप में पाकर देवी अनुसूया ने अपने तपोबल से त्रिदेव को उनके मूल स्वरूप में कर दिया। इस प्रकार से भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ। जिसको गोस्वामी समाज त्रिदेव भगवान दत्तात्रेय का प्रतिवर्ष हर्षोल्लास उल्लास के साथ मनाते हैं।
प्रांताध्यक्ष अशोक गिरि गोस्वामी ने सामाजिक रुपरेखा को सुनोयिजित कर एकता एवं अखंडता पर बल दिया उन्होंने सर्व प्रथम सभी प्रांत वासियों को भगवान दत्तात्रेय प्राकट्य उत्सव कि बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समाज को एकजुटता हि हमारी मजबूती है, यदि हम हमने समाज में मजबूती और अखंडता का परिचय देंगे तो समाज के साथ प्रदेश और देश विकसित होगा। वहीं उन्होंने कोसरंगी के सामाजिक भवन के जगह हो रहे अतिक्रमण पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सामाजिक भवन कि अतिक्रमण पर जल्द से जल्द रोक लगाकर बांउड्री वाल का होना आवश्यक है जिससे अतिक्रमण को रोका जा सके। कल भगवान दत्तात्रेय प्राकट्य उत्सव पर धर्म नगरी राजिम में समस्त गोस्वामी समाज को उपस्थित होकर कार्यक्रम में सम्मिलित होने का आग्रह किया गया।
उक्त कार्यक्रम में जिला संरक्षक विजय पुरी गोस्वामी, रामेंद्र गिरि गोस्वामी, कोषाध्यक्ष राजू गिरि गोस्वामी, मीडिया प्रभारी मनोज गिरि गोस्वामी, यश गिरि गोस्वामी, अर्जून गिरि गोस्वामी ने बधाई देते हुए अपना सामाजिक मंतव्य रखा।
उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रांतीय संरक्षक उमेश भारती गोस्वामी, प्रांताध्यक्ष अशोक गिरि गोस्वामी, जिला इकाई महासमुंद से अध्यक्ष तोषण गिरि गोस्वामी, राजु गिरि गोस्वामी, रामेंन्द्र प्रकाश गिरि गोस्वामी, विजय पुरी गोस्वामी, शंकर पुरी गोस्वामी, खोमन भारती गोस्वामी, राजेन्द्र गिरि गोस्वामी, मनोज गिरि गोस्वामी, यशवंत गिरि गोस्वामी, अर्जुन गिरि गोस्वामी, शुभम् गिरि गोस्वामी, कान्हा बन गोस्वामी सहित गोस्वामी समाज उपस्थित रहें।