केरल में राष्ट्रीय विद्यार्थी जलवायु समागम 23 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नर्रा स्कूल के विद्यार्थियों ने किया प्रस्तुत, शोध पत्र
October 25, 2023स्कूल परिसर में विकसित किए गए माइक्रो फॉरेस्ट के कॉन्सेप्ट की हुई सराहना, जैवविविधता को बढ़ाने, एवं छात्रों को पर्यावरण से व्यवहारिक रूप से जोड़ने में कारगर होगा , माइक्रो फॉरेस्ट। केरल के वैज्ञानिकों ने इस विषय पर किए गए अध्ययन को निरंतर रखने तथा विस्तृत रिपोर्ट जमा करने कहा।
शासकीय कुलदीप निगम उच्च माध्यमिक विद्यालय नर्रा के छात्रों ने केरल के तिरुवनंतपुरम में आयोजित नेशनल स्टूडेंट्स क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 23 में अपनी छाप छोड़ी। केरल के त्रिवेंद्रम स्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी संग्रहालय में आयोजित इस कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए देश भर से छात्र एक साथ आए। जलवायु परिवर्तन पर स्कूली छात्रों और विशेषज्ञों का एक साथ ऐसा आयोजन पूरे देश में एक अनूठा आयोजन रहा। इसमें छात्रों ने जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर किए अपने शोध पत्रों का वाचन किया।
नित्या देवांगन, दीपांशी साहू, उल्सी यादव, दिव्यांश साहू ने, इफेक्ट ऑफ माइक्रो फॉरेस्ट ऑन बायोडायवर्सिटी कंपोजिशन एंड माइक्रो क्लाइमेट (जैव विविधता संरचना और सूक्ष्म जलवायु पर सूक्ष्म वन का प्रभाव) विषय पर अध्ययन कर एक सूक्ष्म शोध पत्र प्रस्तुत किया।
प्रस्तुतिकरण के दौरान उपस्थित निर्णायकों, केरल के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के मौसम वैज्ञानिक तथा केरल विश्वविद्यालय के पर्यावरण वैज्ञानिक ने छात्रों के लघु शोध प्रस्ताव की सराहना की, तथा इसे निरंतर जारी रखने का सुझाव देते हुए कहा कि अगले छह माह बाद पुनः इनके विस्तृत अध्ययन परिणामों के साथ चर्चा करने, एवं सभी सहयोग देने की बात कही।
कॉन्क्लेव का उद्घाटन चीफ सेक्रेटरी केरल शासन श्रीमती रानी जॉर्ज आईएएस और केरल के लोक निर्माण विभाग के मंत्री, एडवोकेट जी.आर. अनिल ने किया, जिसमें केरल के मुख्यमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और विक्रम साराभाई साइंस के पूर्व निर्देशक श्री एम. सी. डेल्टन, स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्ट ( समग्र शिक्षा केरला) श्रीमती सुप्रिया सहित प्रतिष्ठित वक्ता शामिल थे। और अंतरिक्ष केंद्र. डेल्टन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने की तात्कालिकता पर जोर दिया और पूरे केरल में 150 से अधिक मौसम स्टेशनों की स्थापना जैसी पहल के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में 90 से अधिक सरकारी स्कूलों ने भाग लिया, जिसमें 450 से अधिक छात्रों ने अपने शोध पोस्टर और पेपर प्रस्तुत किए
कॉन्क्लेव के दौरान, तिरुवनंतपुरम में स्कूलों में स्थापित मौसम स्टेशन का दौरा करने का सौभाग्य मिला, जहां उन्हें मौसम निगरानी तकनीकों पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्राप्त हुए। गौरतलब है की केरल शिक्षा विभाग ने अपने स्कूलों में वेदर स्टेशन स्थापित किए हैं, जिसमे छात्र प्रतिदिन तापमान, आर्द्रता, वर्षा, हवा की दिशा, आदि का मापन करते हैं तथा अपने स्कूल के डिस्प्ले बोर्ड में डिस्प्ले किया जाता है।
कार्यक्रम के समापन में, छात्रों और शिक्षक को केरल के माननीय शिक्षा मंत्री श्री शिवनकुट्टी द्वारा केरल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का चिन्ह एवं प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। शिक्षा मंत्री ने घोषणा कि, इस कॉन्क्लेव में प्रस्तुत किए गए सभी शोध कार्यों को पुस्तक के रूप में केरल के सभी सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में रखा जायेगा। ताकि भविष्य में छात्रों के लिए ये शोध पत्र संदर्भ के रूप में काम आ सकें।
सूक्ष्म वन क्या है:-
सूक्ष्म वन एक छोटा, रोपित वन है जो वृक्ष घनत्व और जैव विविधता को अधिकतम करता है।
सूक्ष्म वन शहरी क्षेत्रों में कार्बन शमन को बढ़ाने, असाधारण वायु गुणवत्ता और जैव विविधता लाभ प्रदान करने के लिए वृक्षारोपण का एक अभिनव और प्रभावी तरीका है।हमारे सूक्ष्म वन जैव विविधता के लिए मरूद्यान के रूप में कार्य करते हैं, कई प्रत्यक्ष तरीकों से पर्यावरण को ठीक करते हैं और स्थानीय समुदाय को प्रकृति से वापस जोड़ने में मदद करते हैं।इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काफी घने तरीके से विभिन्न प्रकार के पौधों को लगाने की आवश्यकता होती है ताकि भूमि के भूखंड में जंगल की विभिन्न परतें जैसे झाड़ियाँ और छतरियाँ हों, न कि केवल पेड़। यहां विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में लगभग 70 सरकारी कार्यालय भवनों को बीच में लेन वाली 19 एकड़ जमीन की भूमि पर एक ऑक्सी-जोन बनाने के लिए भारत का पहला सूक्ष्म जंगल बनाया जायेगा। इसका मुख्य उद्देश्य शहर के केंद्र में भीड़ भाड़ वाले इलाके में स्वच्छ ऑक्सीजन पैदा करना है ।