जिलें में अब तक 6 लाख 20 हजार 939 मीट्रिक टन धान की खरीदी….             संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों में अतिरिक्त निगरानी करें-कलेक्टर….

जिलें में अब तक 6 लाख 20 हजार 939 मीट्रिक टन धान की खरीदी…. संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों में अतिरिक्त निगरानी करें-कलेक्टर….

December 28, 2022 0 By Central News Service

महासमुंद 28 दिसम्बर 2022/ कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने समय-सीमा के बैठक के दौरान जिले के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा भेंट-मुलाकात के दौरान जो घोषणाएं की गई है एवं निर्देश दिए गए है उन निर्देशों का पालन करें। राज्य शासन के फ्लैगशिप योजनाओं के कार्य स्वीकृत हुए है उनके बेहतर क्रियान्वयन में गति लाएं।


कलेक्टर क्षीरसागर ने कहा कि प्राथमिक सहकारी समितियों में पंजीकृत किसानों से धान खरीदी के लिए एक माह का समय शेष है। इस दौरान अधिकारी-कर्मचारी सजग रहकर धान खरीदी का कार्य कराएं। इसी के साथ धान का उठाव व रकबा समर्पण की कार्यवाही भी चलती रहे। धान खरीदी के लिए बनाए गए जिला स्तरीय नोडल अधिकारी एवं संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खाद्य निरीक्षक अपने-अपने क्षेत्रों का सतत निगरानी करें तथा सीमावर्ती इलाकों में अवैध धान परिवहन और संग्रहण पर सख्ती से रोक लगाएं। कलेक्टर ने साफ तौर पर कहा कि संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों में अतिरिक्त निगरानी करने की आवश्यकता है। उन्होंने अन्य राज्यों और कोचियों द्वारा लाए जाने वाले धान पर निगरानी रखने, यदि बाहर से धान खपाने की जानकारी मिलती है तो उसे जब्त करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।


बैठक के दौरान जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि 31 जनवरी तक पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य धान खरीदी की जाएगी। अब तक 40 दिवस की खरीदी पूर्ण हो चुकी है। जिले के एक लाख 52 हजार 861 पंजीकृत किसानों में से एक लाख 28 हजार 916 पंजीकृत किसानों ने अपने धान का विक्रय कर चुके है। जिले में 6 लाख 20 हजार 939 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। जिसमें से 5 लाख 84 हजार 989 मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। अब तक समितियों से 4 लाख 98 हजार 634 मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।


कलेक्टर ने प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत जिले में गोबर की खरीदी, खाद निर्माण व विक्रय सहित पैरादान की स्थिति की जानकारी लेते हुए कहा कि पैरादान की स्थिति काफी कम है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों व ग्रामीणों को गौठानों में पैरादान के लिए जागरूक करें। धान कटाई के बाद बचे अवशेष पराली को न जलाएं बल्कि उस पराली को गौठान में दान करें। जिससे गौठानों में मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था हो सके। उन्होंने उप संचालक कृषि को निर्देशित करते हुए कहा कि पैरादान से प्राप्त पैरा की खपत तुरंत ना करें। वर्तमान में मौसम की अनुकूलता के अनुसार हरे चारे उपलब्ध हैं, इसलिए गर्मी के दिनों के लिए चारा के तौर पर पैरा को संग्रहित करके रखें और इसके लिए विभाग के अधिकारी गौठानों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें।


उन्होंने गोबर खरीदी की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले के सभी सक्रिय गौठानों में गोबर खरीदी सतत् जारी रहनी चाहिए, किसी भी स्थिति में गोबर की खरीदी बंद नहीं होनी चाहिए। विशेष तौर पर नगरीय निकायों में कन्वर्जन रेट कम आने पर उन्होंने कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों को गौठानों में जाकर वस्तुस्थिति से अवगत होने और किसी प्रकार की समस्या आने पर उनका त्वरित समाधान करते हुए गोबर खरीदी और जैविक खाद निर्माण में तेजी लाने के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा गोबर खरीदी, कम्पोस्ट निर्माण और विक्रय की कम उपलब्धि वाले गौठानों की समीक्षा करते हुए वर्तमान स्थिति में सुधार लाने को कहा।
जिले के सभी गौठानों का भी नियमित रूप से निरीक्षण करने तथा गोबर विक्रेताओं के खाते में समय पर राशि पहुंचना सुनिश्चित करने के साथ ही वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की मात्रा बढ़ाने एवं उत्पादित खाद का उठाव कराने को कहा। उन्होंने अविवादित खाता विभाजन नक्शा बटांकन सीमांकन मुआवजा वितरण के कार्याे में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्हांेने विभागवार लंबित आवेदनों की जानकारी ली और समय सीमा के भीतर लंबित आवेदनों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत एस. आलोक, अपर कलेक्टर दुर्गेश कुमार, ओ.पी. कोसरिया सहित विभिन्न विभागों के ज़िला अधिकारी उपस्थित थे।