आमदनी 98 रुपये और GST साढ़े 3 करोड़, जानिए कैसे हुआ हेराफेरी का खेल
December 5, 2020क्या आपने कभी सुना है कि किसी शख्स की रोज की आय महज 100 से भी कम है, लेकिन उसे करीब साढ़े तीन करोड़ का जीएसटी भरने का नोटिस मिल जाए? ये चौंकाने वाला मामला झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में सामने आया है। जहां एक मनरेगा मजदूर को साढ़े तीन करोड़ रुपये का जीएसटी () भरने का नोटिस मिला। उसकी आय इतनी नहीं है कि वो इस बारे में सोच भी पाता तो उसने इस नोटिस पर कोई कदम नहीं उठाया। जानिए फिर इस मामले में क्या हुआ?
जांच में लापरवाही के चलते एक मनरेगा मजदूर की बढ़ी मुश्किलेंबताया जा रहा कि घाटशिला अनुमंडल के मुसाबनी प्रखंड में लादुम मुर्मू नाम का एक शख्स रहता है। 48 वर्षीय लादुम एक मजदूर है जो दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता है। उसे रोजाना महज 98 रुपये की कमाई होती है। मनरेगा के तहत मजदूरी करके वो अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहा है। उसे शायद उम्मीद भी नहीं होगी कि लेकिन इसी बीच उसके पास जीएसटी भरने का नोटिस मिला। ये जीएसटी का नोटिस साढ़े तीन करोड़ का है।
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पुलिस जब पकड़ने पहुंची तो हुआ मामले का खुलासा
लादुम मुर्मू को भी शायद इस नोटिस की गंभीरता का पता उस समय चला जब तय समय पर नोटिस का जवाब नहीं देने पर पुलिस की टीम उसके घर पहुंच गई। अधिकारियों ने जब उसे नोटिस के संबंध में सवाल और फिर गिरफ्तार करने की कोशिश की तो लादुम मुर्मू ने उनसे गुहार लगाई। उसने कहा कि वो महज कुछ पैसे कमाकर अपनी जिंदगी गुजार रहा है इतना जीएसटी कहां से चुकाएगा। उसकी गुहार और ग्रामीणों के समझाने के पुलिस ने उसे छोड़ तो दिया। लेकिन अभी भी उसकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं।
जानिए कैसे हुआ पूरा खेल
आखिर लादुम मुर्मू के साथ ऐसा क्या हुआ जो उसके पास इतना बड़ा जीएसटी भरने का नोटिस पहुंच गया। दरअसल, ये पूरा मामला जीएसटी की हेराफेरी से जुड़ा हुआ है। जिसमें अधिकारियों की ओर से जरूरी जांच में अनदेखी और बिना भौतिक सत्यापन के एक मजदूर के आधार और पैन कार्ड पर एक कंपनी का जीएसटी नंबर वाणिज्य कर विभाग में आवंटित कर दिया। वहीं जब मामले का खुलासा हुआ तो पता चला कि ये पैन कार्ड और आधार नंबर लादुम मुर्मू का निकला। जिसे कंपनी ने फर्जी तरीके इस्तेमाल किया। इसमें अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आई क्योंकि उन्होंने बिना किसी जांच पड़ताल के जीएसटी नंबर जारी कर दिया।
पुलिस अब कंपनी के असली मालिक कर रही तलाश
वहीं जिस कंपनी के नाम ये जीएसटी नंबर है उसने 2018-19 में कई कंपनियों के साथ ई-वे बिल के जरिए 5 करोड़ से ज्यादा की स्टील बेची। हालांकि, इस दौरान हुए लेनदेन को लेकर जीएसटी भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद वाणिज्य कर विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया, जिसकी जांच में लादुम मुर्मू के नाम का पता चला। वहीं अब मामला खुलने के बाद पुलिस असली आरोपी की तलाश कर रही है। दूसरी ओर पूरे मामले में लादुम मुर्मू ने कहा कि उसे इस सबके बारे में कुछ पता नहीं है। साथ ही उसने ये कहा कि वो एक मजदूर है और इतनी बड़ी रकम कहां से चुकाएगा। फिलहाल पुलिस और अधिकारी अब कंपनी के असली मालिक की तलाश में जुटे हुए हैं।