
हसदेव बचाओ आंदोलन की कड़ी में आप पार्टी का अंबेडकर चौक,घड़ी चौक में कल प्रदर्शन ..
September 30, 2022हसदेव अरण्य नही बचा तो पर्यावरण का नाश और आदिवासियों की जंगल से जीविका प्रभावित होगी – सूरज उपाध्याय,पूर्व सहसंयोजक ,आप
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी के आवाह्न पर कल हसदेव बचाओ आंदोलन की कड़ी में आम आदमी पार्टी का 01अक्टूबर22 को अंबेडकर चौक,घड़ी चौक, रायपुर, में धरना प्रदर्शन है और राज्यपाल को ज्ञापन देकर जंगल कटाई पर तुरंत रोक लगाने का निवेदन प्रेषित करने का कार्यक्रम है। जैसी ही यह जानकारी आई कि हसदेव अरण्य में बड़े पैमाने पर जंगल कटाई फिर शुरू हो गई है तो पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज दुबे अपनी टीम के साथ हसदेव अरण्य पहुंचे जहां पूरे दल बाल के साथ प्रशासनिक पहरेदारी में बदस्तूर जंगल कटाई चल रही थी। आम आदमी पार्टी की पूरी टीम को बाहर हो रोक दिया गया और पूरा दिन बैठा कर रखा गया । तमाम कोशिशों के बावजूद किसी प्रकार कुछ vdo और जानकारी मिल पाई और लगातार जंगल में पेड़ काटे जा रहे है। मशीनों को आवाज स्पष्ट सुनाई दे रही थी और पेड़ गिरने की गूंज पूरे समय आती रही। अदानी के गुंडे लगभग 50 स्कॉर्पियो में भरकर लगातार पूरे जंगलों में घूमकर दहशत फैला रहे है और धमका कर किसी को आवाज भी उठने नही दे रहे है।

कोमल हुपेंडी ने आज रोष व्यक्त करते हुए कहा कि हसदेव अरण्य की बदस्तूर कटाई पूरे मध्य भारत के पर्यावरण को प्रभावित करेगी जो हमारे आने वाली पीढ़ियां भुगतेगी। हम छत्तीसगढ़ के लोग शांतिपूर्ण तरीके से भूपेश सरकार को आगाह कर रहे है की हसदेव में पेड़ कटाई न हो लेकिन वे छल से सभी आम जन वासियों को वादा कर दूसरी ओर लगातार जंगल कटाई करवा रहें है। भाजपा और कांग्रेस की मिलीभगत से ही यह सब मुमकिन है और दोनो दलों के नेता घड़ियाली आसू बहाकर छल से जंगल काट रहे है।
भूपेश काका कांग्रेस के बाबा सिंहदेव को बेवकूफ बना कर फिल्मी डायलॉग मार कर बहला सकते है और जंगल काट सकते है लेकिन भोले भाले छत्तीसगढ़ वासियों को ज्यादा छल नही पाएंगे अब सभी आदिवासी और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता पूरी ताकत से पूरे प्रदेश में एक होकर विरोध जन साधारण के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे अब ये लड़ाई आर पार की लड़ाई है। छत्तीसगढ़ की जनता अब किसी भी हालत में ये बर्दाश्त नहीं करेंगे और आम आदमी पार्टी पूरी ताकत से ये लड़ाई जन साधारण के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अंत तक लड़ेगी।