कृष्ण जन्म उत्सव में झूमे भक्तगण

कृष्ण जन्म उत्सव में झूमे भक्तगण

February 2, 2021 0 By Central News Service


जी जामगांव… ग्राम मडेली में 28 जनवरी से 5 फरवरी 2021 तक समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से श्रीमद् भागवत महापुराण यज्ञ का आयोजन आयोजित किया जा रहा है ।भागवताचार्य श्री ओमप्रकाश महाराज जी वैष्णवी धाम गर्ग ऋषि तपोभूमि गढ़ डोंगरी (सिहावा)निवासी अभनपुर के सानिध्य में भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर उठे। भागवत आचार्य श्री ओम प्रकाश महाराज जी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण अपने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।
ग्राम मडेली में चल रहे हैं भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को श्री महाराज ने बेहद संजीदगी के साथ सुनाया l
कथा प्रसंग सुनाते हुए श्री महाराज ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पाप से धरती डोलने लगी तो भगवान श्रीकृष्ण को अवतरित होना पड़ा l सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वैसे नहीं समझ सकते हैं। भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्री कृष्ण गोकुल पहुंच गए। भागवत आचार्य ने कहा कि भागवत कथा आत्माओं को विशुद्ध करके भगवत चरणाग्रित करती है। कथा जीवन को विशुद्ध बनाती है मानव के हृदय के अंदर के विकारों को नष्ट कर संस्कार सृजन करती है ।कथा के माध्यम से संपन्नता पाई जा सकती है । उन्होंने कहा कि मनुष्य को व्यवहारिक बनना चाहिए स्वयं के माध्यम से अन्य किसी को किसी प्रकार की कष्ट नहीं देना चाहिए । तन से देश समाज व परिवार की सेवा करें मन को हमेशा प्रभु के चरणों से जोड़ कर रखें कोई भी मनुष्य अपने जीवन के सुख दुख का जिम्मेदार स्वयं होता है । कर्म के अनुसार सुख और दुख की प्राप्ति होती है बिना किसी फल की आकांक्षा किए कर्म करते रहना चाहिए ऐसा करने पर ईश्वर हमेशा साथ रहेंगे।इस अवसर पर जिला अध्यक्ष कांति सोनवानी, जनपद अध्यक्ष शारदा लोकनाथ साहू, सरपंच लक्ष्मी नारायण साहू, उपसरपंच पुष्कर साहू, रजनी बाई साहू, फिरता मंडल, नारायण गिरी, गणेश सोन ,टकेश कौशिक , मुन्ना सेन, भागवत बैंस, कमल साहू, पंचराम साहू एवं समस्त पंचगण तथा ग्रामवासी परिक्षीत के रुप में उपस्थित रहे।