लगातार रद्द हो रही ट्रेनों को लेकर विधायक ने जीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
June 29, 2022सुचारू रूप से ट्रेनों का संचालन करने की मांग
रायपुर (छत्तीसगढ़)। रायपुर पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय आज रायपुर स्थित एडीआरएम के रेल्वे स्टेशन कार्यालय पहुंचे एवं अधिकारियों से मुलाकात की उन्होंने जीएम के नाम चिट्ठी सौंपा और ट्रेनों का संचालन सही रूप से करने की मांग की सबसे ज्यादा लोकल ट्रेन बंद होने की वजह से लोगों की समस्याओं से उन्होंने अधिकारियों को अवगत कराया साथ ही जल्द से जल्द सुचारू रूप से ट्रेनों का संचालन करने की मांग की।
आपको बता दें कि पिछले एक पखवाड़े से लगभग सैकड़ों ट्रेन रद्द हो चुकी है इससे आम जनता को सफर करने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ट्रेनों के रद्द होने के सिलसिले को देखते हुए अब धीरे धीरे लोगों का विश्वास रेलवे विभाग से उठता जा रहा है आए दिन ट्रेन कैंसिल होने के कारण हजारों लोग भटकने के लिए मजबूर हैं साथ ही जो गाड़ियां चल रही है वह भी भीड़ रहती है जिससे सफर करने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
विधायक विकास उपाध्याय ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है केंद्र सरकार सभी मोर्चों में विफल नजर आ रही है पिछले कुछ महीनों से लगातार ट्रेन कैंसिल हो रही है जिससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है दूरदराज जाने वाले लोगों को घंटो घंटो ट्रेनों का इंतजार करना पड़ रहा है कुछ लोग तो अब ट्रेन के बजाय बसों में सफर कर रहे हैं सबसे ज्यादा लोकल ट्रेन रद्द होने के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है दूरदराज से लोग शहर नौकरी या मजदूरी करने पहुंचते हैं लेकिन लगातार लोकल ट्रेन कैंसिल होने के कारण उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है व्यापारी वर्ग भी परेशान है दूरदराज के व्यापारी खेती करने के लिए शहर पहुंचते हैं और खरीदी कर वापस ट्रेनों से अपने शहर जाते हैं या ज्यादातर व्यापारी आसपास के क्षेत्रों के होते हैं जो लोकल ट्रेनों में आवाजाही करते हैं इन्हें भी आने जाने में दिक्कतें हो रही हैं। सबसे बड़ी बात मध्यम वर्गीय व निम्न परिवार ट्रेनों में ज्यादा सफर करते हैं उनकी आय निर्धारित होने के कारण वह कम पैसों में सफर करने के लिए मजबूर होते हैं लेकिन रेलवे की उदासीनता के चलते हैं उनकी जेब पर बड़ा असर पढ़ रहा है वह दूसरे संसाधनों से आवाजाही करने के लिए मजबूर हैं।