भूलन द मेज” एक ऐतिहासिक फिल्म… डॉ.चम्पेश्वर गोस्वामी(युवा गीतकार,लेखक,कवि)…
June 5, 2022“देश के प्रख्यात साहित्यकार श्री संजीव बख्शी जी की उपन्यास “भूलन कांदा” पर आधारित फिल्म “भूलन द मेज” वास्तव में ऐतिहासिक फिल्म है, छत्तीसगढ़ के प्रख्यात फिल्मकार मनोज वर्मा जी द्वारा लिखित व निर्देशित यह फिल्म छत्तीसगढ़ी फिल्म के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई, इस फिल्म का अनेक अंतर्राष्ट्रीयअवार्ड के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की पहली राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित होना इस बात का प्रमाण है कि यह फिल्म ऐतिहासिक सिद्ध हुई, फिल्म की कहानी पर कई विद्वानों के दर्शकों के अनेक अभिमत प्राप्त हुए जो संतोष जनक है परंतु मेरा मन इस फिल्म को देखकर अत्यंत गौरवान्वित हुआ, व्यवहार व कर्म में अत्यंत कुशल मनोज वर्मा जी का समर्पण इस फिल्म में स्पष्ट दिख रहा है,उन्होंने बहुत शिद्दत से इस फिल्म पर काम किया है,ऐसे विषय पर फिल्म बनाना वाकई अति साहस का काम होता है, ज्यादातर फिल्म निर्माता निर्देशक व्यावसायिक फिल्में ही बनाना चाहते हैं पर यहां मनोज वर्मा जी ने एक स्पष्ट विषय आधारित उद्देश्य परक फिल्म को मनोरंजनात्मक रूप से प्रस्तुत करके सारी खाई पाट दी है, इस फिल्म को देखने के बाद कहीं भी आपको बोझिल पन का एहसास नहीं होगा, धीरे धीरे गीत संगीत,जहां पर इस बात का उल्लेख करना अति आवश्यक है कि पारंपरिक गीत संगीत का भी सहजता से प्रयोग करते हुए हास्य विनोद के साथ फिल्म विषय को लेकर बड़ी मजबूती से चलती नजर आई है, वहीं कलाकारों का जीवंत अभिनय दर्शकों को अंत तक जोड़े रखती है,फिल्म में मुंबई के प्रसिद्ध कलाकारों का काम करना बहुत ही अच्छा लगा पर इसके साथ ही साथ हमारे अपने छत्तीसगढ़ के अत्यंत करीबी कलाकारों को, कलाकार मित्रों को देख कर अपने आप में अपनापन का एहसास होता है ,ऐसा लगा मानो लंबे अरसे से छत्तीसगढ़ को जिस तरह की फिल्म की प्रतीक्षा थी वह प्रतीक्षा पूरी हुई, छत्तीसगढ़ वासियों से आग्रह है कि इस फिल्म को ज्यादा से ज्यादा देख कर अपना मया प्रदान करें।