भैरव अष्टमी: 3 क्विंटल का केक काट मनाया गया काल भैरव का जन्मदिन, भक्तों ने की कोरोना से मुक्ति की कामना
December 7, 2020महादेव की नगरी काशी में भगवान शंकर के बाल स्वरूप काल भैरव का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। काशी के अलग-अलग भैरव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही। शाम होने के साथ ही काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दरबार में 3 क्विंटल का केक काटकर बाबा के जन्मदिन का उत्सव मनाया गया।
फल मेवे से बने इस खास केक को वैश्विक महामारी कोरोना की खास थीम पर तैयार किया गया था। कोरोना काल के अब तक के मौजूदा हालात को इस तीन क्विंटल के केक पर दर्शाया गया। कोतवाल के दरबार में केक काट भक्तों ने बाबा से इस महामारी से मुक्ति की प्रार्थना की। मंदिर से जुड़े प्रेम गुप्ता ने बताया कि प्रतिवर्ष हम लोग धूमधाम से बाबा काल भैरव का जन्मदिन मनाते चले आ रहे हैं। इस बार भी कोरोना काल के बाद भी धूमधाम से बाबा का जन्मदिन मनाया गया।
मार्गशीर्ष के अष्टमी तिथि को मनाई जाती है भैरव अष्टमी
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को देशभर में भैरव अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शंकर का कालभैरव स्वरूप में जन्म हुआ था। यही वजह है कि आज के दिन काशी के कालभैरव मंदिर सहित अन्य भैरव मंदिरों में उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
कहे जाते हैं काशी के कोतवाल
काल भैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि काशी में मरने वाले मनुष्यों को यमराज नहीं बल्कि काल भैरव उन्हें उनके कर्मों की सजा देते हैं। यही वजह है कि काशी में उनके दर्शन को भक्तों की भारी भीड़ होती है।