भारतीय सांस्कृतिक जीवन का विक्रमी संवत् से गहरा नाता – तुलसीदास,राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने मनाया भारतीय नववर्ष उत्सव
April 2, 2022संपादक मनोज गोस्वामी
महासमुंद 02 अप्रैल 2022/ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ होता है। इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीरामचन्द्र जी का राज्याभिषेक, धर्मराज युधिष्ठिर का राजतिलक, महर्षि दयानंद जी द्वारा आर्य समाज की स्थापना, भगवान झूलेलाल का जन्म इसी दिन हुआ था। इसी दिन आसुरी शक्ति का संहार करने माता रानी के आगमन के साथ ही नवरात्र का प्रारंभ होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलीराम हेडगेवार जी का जन्म हुआ। हमारे समस्त व्रत-त्यौहार तथा समस्त मांगलिक कार्य हिन्दू पंचांग विक्रम संवत् के अनुसार ही होता है। अतः भारतीय सांस्कृतिक जीवन का विक्रमी संवत् से गहरा नाता है।
उक्त उद्गार थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा कचहरी चौक में आयोजित हिन्दू नववर्ष उत्सव में राजिम विभाग प्रचारक तुलसीदास के। उन्होंने कहा कि “कृषि में पेस्टिसाइट का उपयोग स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है पुन: गौ पालन कर जैविक खेती को अपनाना होगा। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के नाम पर हो रहे मतांतरण को रोकना हम सबकी जवाबदारी है। समाज में समरसता लाने के लिए एक मंदिर, एक जलाशय, एक शमशान की परिकल्पना को साकार करना होगा। पर्यावरण संरक्षण हेतु पेड़ लगाना, पानी बचाना और पॉलीथिन का उपयोग बंद करना होगा।
गांव के विकास से ही राष्ट्र का विकास संभव होगा इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी प्रदान करना होगा।” विभाग प्रचारक ने सामाजिक सद्भाव, स्वदेशी जागरण, स्वभाषा, संस्कृत, स्वरोजगार, स्वाधीनता का अमृत महोत्सव आदि विषयों पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम का प्रारंभ सुभाषित, अमृत वचन व गीत के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के आसंदी पर विराजमान सेवानिवृत्त सेना अधिकारी पंकज चंद्राकर ने कहा कि “देश की सेवा के लिए फौज में भर्ती होना या सीमा पर ड्यूटी करना आवश्यक नहीं है। हम सामान्य जीवन जीते हुए भी देश की सेवा कर सकते हैं। स्वच्छता, पर्यावरण, पीड़ितों व जरूरतमंदों की सेवा भी देश सेवा का कार्य है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जन्म ही सेवा के लिए हुआ है इसके साथ जुड़कर समाज व राष्ट्र के उत्थान में लगे रहे।” माननीय जिला संघचालक व नगर संचालक एवं प्रांत व्यवस्था प्रमुख की उपस्थिति में केशव प्रभात शाखा के 78 स्वयंसेवकों के द्वारा पूर्ण गणवेश में आद्य सरसंघचालक प्रणाम भी किया गया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में मातृशक्ति व प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। भारत मां की प्रार्थना और प्रसाद वितरण के बाद कार्यक्रम समापन किया गया।