
नारी जननी भी संगिनी भी – सुनीता देवदत्त अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर खरोरा स्कूल में कार्यक्रम
March 9, 2022
महासमुंद 09 मार्च 2022/”कहा गया है अगर एक आदमी को शिक्षित किया जाता हैं तब एक आदमी ही शिक्षित होता हैं लेकिन जब एक औरत को शिक्षित किया जाता हैं तब एक पीढ़ी शिक्षित होती है। प्राचीन काल से ही नारी पूजनीय रहा है आज विविध क्षेत्रों में नारी ने सफलता हासिल की है। नारी जननी भी है और संगिनी भी। नारी के बिना किसी भी समाज की कल्पना नहीं की जा सकती।” उक्त उद्गार थे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मिडिल स्कूल खरोरा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के आसंदी से ग्राम पंचायत की प्रथम महिला सुनीता देवदत्त चंद्राकर के। उन्होंने कहा कि “मनुस्मृति में कहा गया है यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः अर्थात् जहां नारी का सम्मान होता है वही देवताओं का वास होता है। आज आवश्यकता है नारी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की। नारी और पुरुष दोनों के परस्पर सहयोग से ही समाज और राष्ट्र उन्नति के शिखर पर पहुंच सकता है।” कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा चंद्राकर ने कहा “किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की औरतों की उन्नति से मापी जा सकती हैं। कोई भी राष्ट्र उन्नति के शिखर पर नहीं पहुँच सकता जब तक कि उस राष्ट्र में महिलाओं को समान अधिकार ना प्राप्त हो।” इस अवसर पर श्रीमती सरोज चन्द्राकर ने कहा कि “औरत ही समाज की वास्तविक शिल्पकार हैं। दुनिया के महान लोग नारी शक्ति को मानते आए हैं।” कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा ज्ञानदायिनी मां सरस्वती के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलन और मातृ वंदना के साथ हुआ। कार्यक्रम में शालेय छात्राओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से संबंधित गीत, कविता और भाषण प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात् महिलाओं से संबंधित सामान्य ज्ञान क्विज का भी आयोजन किया गया। महिलाओं की कुर्सी दौड़ ने सभी का मन मोह लिया।

इस अवसर पर मनीषा चन्द्राकर, सरोज चंद्राकर राधिका दाई, चमेली, संगीता, सावित्री, दीक्षा, प्रणीता, दीप्ति, चंचल सहित स्कूली छात्राएं, ग्राम पंचायत की महिला प्रतिनिधिगण, शाला प्रबंधन समिति के महिला सदस्यगण, अभिभावक तथा ग्राम की मातृशक्तियां बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पर कु.भूमिका चन्द्राकर व छाया कुर्रे ने किया तथा आभार प्रदर्शन संस्था की वरिष्ठ शिक्षिका रामेश्वरी ध्रुव ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के प्रधान पाठक उमेश भारती गोस्वामी, शिक्षक डोमार राम साहू, दुबे कुमार पटेल व बाल संसद के पदाधिकारियों का सराहनीय योगदान रहा।

