जूट मिलों ने रबी फसलों के लिए अनुमानित मांग के मुकाबले कम बोरियां ही उपलब्ध कराने पाने की बात कही
December 7, 2020कोलकाता, सात दिसंबर (भाषा) रबी फसल की पैकेजिंग के लिए पटसन बोरों के लिए 25 लाख गांठ की अनुमानित मांग की तुलना में जूट मिलों ने 11 लाख गांठ की आपूर्ति करने की प्रतिबद्धता जताई है क्योंकि वे खरीफ फसलों के लिए जूट के बोरों के बचे आर्डर को निपटाने की स्थिति से जूझ रही हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल के पैकिंग के लिए जूट बोरों के लिए बकाया मांग 2.5 लाख गांठ की है। भारतीय जूट मिल संघ के अध्यक्ष राघवेंन्द्र गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने सोमवार को उद्योग के अंशधारकों के साथ एक आभासी बैठक की और रबी सत्र के लिए पैकेजिंग सामग्री की मांग सामने रखी। गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘खाद्य विभाग ने रबी सत्र के लिए जूट बोरियों की मांग 25 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है, जबकि हमने अगले साल 15 मई तक 11 लाख गांठ के लिए प्रतिबद्धता जताई है।’’ उन्होंने कहा कि विभाग ने खरीफ फसल की पैकेजिंग के बैकलॉग के आदेश को रद्द नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जूट आयुक्त कार्यालय द्वारा समीक्षा के बाद, पैकेजिंग सामग्री की मांग को कम किया जा सकता है। गुप्ता ने कहा कि कच्चे माल की लागत में अभूतपूर्व उछाल के मद्देनजर बोरों के मूल्य निर्धारण के बारे में अदालत में लड़ाई लड़ी गई है, और मिलों को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा। सूत्रों ने आरोप लगाया कि बैकलॉग होने की वजह ‘‘जूट आयुक्त के कार्यालय की अनुचित योजना’’ है और अब नियामक को यह सुनिश्चित करना होगा कि जूट मिलें जूट बैग की आपूर्ति की संचयी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करें।