महासमुंद शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ऑनलाइन व्याख्यान…

महासमुंद शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ऑनलाइन व्याख्यान…

January 28, 2022 0 By Central News Service

महासमुंद 28 जनवरी 2022/ एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य और गुजरात राज्य को समेकित करते हुए आज दिनांक 28 जनवरी 2022 को डॉ. ज्योति पांडेय प्राचार्य शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद के निर्देशन में योगा एवं प्राणायाम के महत्व पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया । एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत प्रत्येक माह निश्चित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है वर्तमान में कोरोना महामारी की परिस्थितियों को देखते हुए मानव जीवन में योग एवं प्राणायाम का अत्यंत महत्व है जिसके जरिए मनुष्य स्वस्थ एवं सुरक्षित होकर अपने कार्यों को कर सकता है। अतः वर्तमान समय में योग के महत्व को देखते हुए इस विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान की आवश्यकता पर जोर दिया गया ।

डॉ.ई पी चेलक प्रभारी प्राचार्य एवं नोडल अधिकारी ईबीेसबी के द्वारा योग एवं प्राणायाम को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मानसिक तनाव जो स्वस्थ मनुष्य को भी बीमार कर देता है, योग एवं प्राणायाम उस मानसिक तनाव से लड़ने हेतु शक्ति प्रदान करता है । हमारा भारत देश योग एवं आसन का केंद्र बिंदु है इसे पूरे विश्व मे अपनाया गया है ।

डॉ मालती तिवारी जिला संगठक रासेयो एवं सदस्य ईबीेसबी ने अपने उदबोधन में युवा वर्ग को योग एवं प्राणायाम करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि युवा वर्ग स्वयं को स्वस्थ एवं शक्तिशाली बना कर अपने परिवार की रक्षा एवं सुरक्षा हेतु आगे आना चाहिए उन्होंने कहा कि योग के द्वारा शरीर के सभी अंग स्वस्थ होते हैं और स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का विकास होता है जिससे एक स्वस्थ समाज की स्थापना होती है और समाज में समरसता का भाव फैलता है ।

अजय कुमार राजा विभागाध्यक्ष वाणिज्य एवं क्लब कोऑर्डिनेटर इबीएसबी के द्वारा योग से संबंधित समस्त क्रियाकलापों हेतु समस्त छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं प्रेषित की गई। कु. रुकमणी साहू योग शिक्षक द्वारा अपने उदबोधन में बताया कि आदि देव भगवान शंकर से योग एवं प्राणायाम का आरंभ हुआ है । भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए योग एवं प्राणायाम की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह वृद्ध ,वयस्क या बालक हो योग अवश्य करना चाहिए क्योंकि शरीर पंचतत्व से मिलकर बना होता है और पंचतत्व का समायोजन सही होने से शरीर स्वस्थ रहता है पंच तत्व को समायोजित करने के लिए विभिन्न प्रकार के आसन ताड़ासन ,वृक्षासन आदि की आवश्यकता और महत्व को बताया और प्राणायाम की संपूर्ण व्याख्या करते हुए सूर्य नमस्कार करने की आवश्यकता पर बल दिया, उनका मानना है कि यदि व्यक्ति प्रति दिन सूर्य नमस्कार कर लेता है, तो वह अपने जीवन में योग की आवश्यकताओं को पूरा कर लेता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने दिन में एक घंटा अपने शरीर को स्वस्थ करने के लिए निकालना चाहिए क्योंकि बाकी शेष दिन में उसी 1 घंटे से ऊर्जा प्राप्त होती है स्वस्थ स्वच्छता प्राप्त होती है और पूरे दिन भर की क्रियाकलाप ,तनाव एवं अन्य परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता प्राप्त होती है । साथ ही उन्होंने कहा कि योग अर्थात जोड़ होता है। व्यक्ति के द्वारा आत्मा और परमात्मा को आपस में मिलाना योग कहलाता है श्रीमद भागवत गीता के श्लोक का पठन करते हुए उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण ने योग की शिक्षा संपूर्ण जगत के लिए प्रदान की है जो आज की परिस्थिति में हम सभी के लिए बहुत ही आवश्यक है ।

ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन श्रीमती राजेश्वरी सोनी सहायक प्राध्यापक वाणिज्य एवं सह संयोजक रुसा द्वारा किया गया।