भारत का इतिहास संघर्षों का इतिहास है – तुलसीदास

भारत का इतिहास संघर्षों का इतिहास है – तुलसीदास

January 4, 2022 0 By Central News Service

महासमुंद 04 जनवरी 2022/”इतिहास साक्षी है, हमने कभी घुटने नहीं टेके,,सामर्थ्य भर प्रतिकार किया। हमारा इतिहास साहस, शौर्य, पराक्रम, त्याग और बलिदान का इतिहास है। हर युग और हर काल में ऐसे रणबाँकुरे हुए जिन्होंने आक्रमणकारियों के छक्के छुड़ा दिए। चंद्रगुप्त मौर्य, छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धाओं की गाथाओं से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। हमने अपनी संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए अनेक स्तरों पर संघर्ष किए, हमें उन संघर्षों पर गर्व है।” उक्त उद्गार है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजिम विभाग के प्रचारक भैया तुलसीदास के। वे सरस्वती शिशु मंदिर महासमुंद में आयोजित संघ के सप्त दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग के समापन अवसर पर विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे लिए अनेक चुनौतियां हैं हमारे देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था इसलिए विभाजन के पश्चात् का शेष भारत हिन्दू राष्ट्र है। शिक्षा, स्वास्थ्य व सेवा के नाम पर मतान्तरण जारी है, बहुसंख्यक हिन्दू समाज को बरगलाया जा रहा है। साम्यवाद बड़ी चुनौती है चीन, दक्षिण कोरिया जैसे देश नक्सलवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। विभाग प्रचारक ने कश्मीर की समस्या, ह्यूमन राइट और अर्बन नक्सलवाद पर भी सवाल उठाया उन्होंने कहा भारत विरोधी साहित्य उपलब्ध कराने वाले, राष्ट् विरोधी ताकतों का समर्थन करने वाले, भारत का अहित चाहने वाले अर्बन नक्सली को पहचान कर बेनकाब करने की आवश्यकता है।

संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने देखा कि भारत इतने संसाधनों के बाद भी गुलाम क्यों हुआ उन्होंने पाया कि आम व्यक्तियों में भारत भक्ति का अभाव था तथा समाज में संगठन नहीं था इसलिए उन्होंने हिन्दू समाज को बलशाली, शक्ति संपन्न बनाने के लिए संघ की स्थापना की जो आज संपूर्ण देश में विशाल वट वृक्ष के समान पुष्पित पल्लवित हो रहा है। 1 घंटे की शाखा में शारीरिक, मानसिक व चारित्रिक विकास का कार्य निरंतर जारी है। संघ के संस्कारों का प्रकटीकरण समाज जीवन में दिखाई दे रहा है। संघ 6 गतिविधियों पर कार्य कर रहा है, धर्म जागरण के क्षेत्र में हिंदू बचाओ, हिंदू संभालो व घर वापसी का कार्य चल रहा है। ग्राम विकास के क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वावलंबन की दिशा में ग्रामोत्थान के कार्य हो रहे हैं। अस्पृश्यता दूर करने एक जलाशय, एक मंदिर व एक श्मशान की संकल्पना को लेकर सामाजिक समरसता पर कार्य हो रहे हैं। गौ आधारित कृषि को बढ़ावा देने के लिए गौपालन और गौ संवर्धन पर कार्य हो रहा है। पर्यावरण के क्षेत्र में पेड़ लगाओ, पानी बचाओ व पॉलीथिन हटाओ को लेकर कार्य जारी है। कुटुम्ब प्रबोधन के क्षेत्र में परिवार व्यवस्था छिन्न-भिन्न न हो इस दिशा में परिवार का एकत्रीकरण, सहभोज व विविध सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजन जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।


विदित हो कि प्राथमिक शिक्षा वर्ग 24 से 30 जनवरी तक संचालित किए गए। वर्ग कार्यवाह द्वारा जानकारी दी गई कि प्राथमिक शिक्षा वर्ग में जिले के पांच खंड व दो नगर से 60 प्रशिक्षार्थी उपस्थित हुए जिसमें स्कूल विद्यार्थी 18, महाविद्यालयीन 25, कृषक 7 व्यवसायी 6 व कर्मचारी वर्ग से 4 स्वयंसेवक सम्मिलित हुए। 7 दिनों के प्रशिक्षण में स्वयंसेवकों ने शारीरिक व बौद्धिक क्षमता के विकास हेतु व्यायाम, योग, खेल, समता, आचार विभाग, अभ्यास सत्र, चर्चा सत्र, संवाद सत्र व बौद्धिक सत्र के माध्यम से प्रशिक्षित हुए। माननीय जिला संघचालक, विभाग व जिला के अधिकारी, नगर के गणमान्य नागरिक, मातृशक्ति व स्वयंसेवक उपस्थित थे समापन कार्यक्रम का प्रारंभ अमृत वचन, सुभाषित व गीत के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों द्वारा व्यायाम योग, समता, नि:युद्ध, दंड, खेल आदि का प्रदर्शन भी किया गया।