बड़ी खबर- सहायक शिक्षकों कि अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सरकार के तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं.. दुसरा वार्ता भी विफल..
December 24, 2021रायपुर 24 दिसंबर 2021/ राज्य भर में सहायक शिक्षकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सरकार के तरफ से कोई प्रकार कि स्पष्ट सहमति नहीं बन रहीं है। आज शुक्रवार को सरकार के साथ सहायक शिक्षक फेडरेशन का दुसरा वार्ता विफल हो गया है।
सहायक शिक्षक फेडरेशन को राज्य सरकार की तरफ से वेतन विसंगति के विकल्प के तौर पर अलग-अलग प्रस्ताव दिये गये थे, जिसे फेडरेशन ने ठुकरा दिया। आज हड़ताल का 14वां दिन था, पहले 11 दिसंबर से सहायक शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखते हुए 13 दिसंबर को विधानसभा घेराव के ऐलान के बाद से ही सहायक शिक्षक रायपुर के धरनास्थल पर डटे हुए है।
राज्य सरकार के प्रमुख सचिव की तरफ से कहा गया है कि बड़ा बजट है, इसलिए मुख्यमंत्री ही इस पर कुछ कर सकते हैं इसके बाद प्रमुख सचिव के वार्ता से सहायक शिक्षक वार्ता लाप केन्द्र से बाहर निकल गए।
इससे पहले 17 दिसंबर को भी सहायक शिक्षकों के साथ पहले दौर की वार्ता हुई थी, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने को लेकर बातचीत आगे नहीं बढ़ पायी। आज के दिन की वार्ता से सभी को काफी उम्मीदें थी, लेकिन वो उम्मीदें भी धाराशायी हो गयी। सहायक शिक्षकों ने ऐलान किया है कि आगे भी हड़ताल जारी रहेगी।
इससे पहले सहायक शिक्षकों को प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला की तरफ से बुलावा मिला था, जिसके बाद सहायक शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मनीष मिश्रा की अगुवाई में आज मंत्रालय में वार्ता करने के लिए पहुंचा था। सरकार की तरफ से अलग-अलग-अलग दिये गये प्रस्तावों पर चर्चा की गयी। सहायक शिक्षक फेडरेशन की तरफ से वेतन विसंगति के पक्ष में अपनी बातों पर अडिग रहे। शिक्षकों ने कहा कि आर पार कि लड़ाई है, आखिरकार कब तक हम अपने आप को लाचार एवं बेबस महसूस करें। आज कि महंगाई के मुताबिक सभी विभागों में वेतन वृद्धि हो रही है, तो हमारी मांगों पर सरकार कि तरफ से कोई भी संतुष्टि नहीं मिल रही है।
आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार ने चुनावी घोषणा में शिक्षक वर्ग कि वेतन विसंगति को दूर करने कि स्वयं ही दूर करने कि बात कही थी। लेकिन आज सरकार बने 3 वर्ष बीतने के बाद भी सहायक शिक्षकों कि मांगों को अनसुना कर दिए हैं।
वही मिली जानकारी के मुताबिक आगामी 3 दिनों के भीतर तीसरी वार्ता होने कि जानकारी उपलब्ध हो रही है, शायद इसमें सहायक शिक्षकों कि मांगों पर सरकार अमल कर सकें।