मड़ई-मेला छत्तीसगढ़ की संस्कृति की पहचान, आयोजन से गांवों में खुशहाली की रौनकता रहता है- अशवंत तुषार साहू
December 24, 2021महासमुंद 24 दिसंबर 2021/ विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्राम लखनपुर में मड़ाई मेला कार्यक्रम में अतिथि के रुप में पहुंचे किसान नेता अशवंत तुषार साहू जी।
ग्राम वासियों के द्वारा तुषार साहू का भव्य स्वागत किया गया
मड़ई यानी एक छोटा मेला जिसमें खेल-खिलौने, चाट-फुलकी, कपड़े, ज्वेलरी, कुछ पारंपरिक वस्तुएं जैसे- मिट्टी के खिलौने, गुल्लक वगैरह के साथ ही तरह-तरह के झूले भी हर आने वाले का मन लुभाते हैं।
किसान नेता अशवंत तुषार साहू जी बताते हैं कि मड़ई मेलों का यह स्वरूप बहुत पुराना है। जिसमें समय-समय के साथ थोड़-थोड़े बदलाव हुए हैं। पहले होता यह था कि गांवों से शहरों को जोड़ने वाली इतनी सड़कें नहीं थीं, तो गांव में जरूरत की सामग्रियों के लिए ये मड़ई मेले लगते थे। जिनसे ग्रामीण जरूरत की चीजें ले लेते थे। अब लगभग सभी गांव शहरों से जुड़ गए हैं। फिर भी गांव की परंपराओं के अनुसार ये मड़ई मेले लगते आ रहे हैं। इसमें किसानों कि फसल मिंजाई के पुरे होने पर भी खुशहाली के तौर पर गांवों में मड़ई का आयोजन किया जाता है। मड़ई मेले में एक तरह से एक मेल-मिलाप का भी अवसर के साथ गांवों में खुशहाली कि रौनकता बिखेरता हैं। जिस गांव में मेला लगने वाला होता है वहां रहने वालों के नाते-रिश्तेदार मेला देखने के बहाने वहां पहुंच जाते हैं। एक तरह के सामाजिक सौहाद्र के रूप में मड़ई मेलों की पहचान बनी हुई है।
आयोजन में भोला महाराज, तरुण साहू ,अरुण विश्वकर्मा, डॉ राम साहू ,रामेश्वर साहू, भागी साहू रितेश साहू,दीपक साहू,ओम प्रकाश साहू, अनील शर्मा अधिक संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहें।