NPS निजिकरण धिक्कार रैली में एकजुट हो रहें हैं कर्मचारी अधिकारी शिक्षक
December 12, 2021रायपुर 11 दिसम्बर
राजनेताओं को 3 से 4 पेंशन और कर्मचारी 30 से 35 वर्ष सेवा करने उपरांत भी पेंशन नही
2004 से बंद पड़ी पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से लागू कराने के लिए पुरे देश में समस्त विभागों के कर्मचारी अधिकारी शिक्षक लामबंद है रिटायर होने के बाद कर्मचारियों के हिस्से में कुछ नहीं आ रहा है एनपीएस में जीपीएफ सुविधा नहीं है जमा राशि शेयर बाजार आधारित है एनपीएस में निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है एनपीएस पर डिए लागू नहीं होता ग्रेजुएटी और फैमिली पेंशन अस्थायी प्रावधान है मेडिकल फैसिलिटी का अस्पष्ट प्रावधान है निकासी की प्रक्रिया बहुत जटिल है इसलिए एनपीएस का विरोध हो रहा है क्योंकि ओपीएस में ये सब प्रावधान है अतः कर्मचारी ओपीएस के लिए लामबंद है रिटायर होने के बाद एकमुश्त पांच सात लाख मिलने के बाद बाकी राशि पेंशन के रूप में दिया जा रहा है जो बहुत ही नगण्य है पांच सौ सात सौ बारह सौ रुपये महिने मिल रहा है इसी से कर्मचारियों में रोष है छत्तीसगढ़ अंशदायी पेंशन कर्मचारी कल्याण संघ एनएमओपीएस के बैनर तले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विजय बंधु जी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह जी के नेतृत्व में एनपीएस निजीकरण धिक्कार रैली 15 दिसम्बर को 11 बजे से लेकर 3 बजे तक बुढ़ा तालाब रायपुर में समपन्न होगा प्रदेश उपाध्यक्ष सतीश पसेरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से पेंशन विहीन कर्मचारी आ रहें छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य संयोजक संघ स्वास्थ कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ विद्युत संघ पटवारी संघ कृषि स्नातक संघ सहायक शिक्षक फेडरेशन खाद्य संघ नियोक्ता संघ सहित सभी विभागों के विभिन्न संगठनों ने समर्थन पत्र जारी कर समर्थन किया है फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं एनएमओपीएस कोआरडिनेटर मनीष मिश्रा टार्जन गुप्ता, पवन चौहान तारकेश्वर नाथ रेलवे मनहरण कुर्रे प्रदेश उपाध्यक्ष सतीश पशेरिया सरिता सिंह पद्मेश शर्मा,प्रदेश प्रवक्ता रमेश नेगी प्रदेश मिडिया प्रभारी डिलेश्वर साव प्रांतीय कोषाध्यक्ष रोशन भारद्वाज संगठन मंत्री पियुष गुप्ता नगेन्द्र देवांगन उपाध्यक्ष आजु सिन्हा अशोक गुप्ता चन्द्र प्रकाश तिवारी जिलाध्यक्ष बीपी मेश्राम उपेंद्र प्रताप सिंह महेन्द्र साहू रोहित बंजारे खिलावन चंद्राकर कुंदन साहू,इत्यादिने कहा कि एनपीएस धिक्कार रैली को सफल बनाने में हर संभव प्रयास किया जाता है
छत्तीसगढ़ राज्य के 2 लाख 87 हजार पेंशन विहीन कर्मचारी पहुच रहे है