01 दिसंबर ‘विश्व एड्स दिवस’ पर लोगों को जागरूक कर दिए बचाव के संदेश..

01 दिसंबर ‘विश्व एड्स दिवस’ पर लोगों को जागरूक कर दिए बचाव के संदेश..

December 1, 2021 0 By Central News Service

महासमुंद 01 दिसंबर 2021/शासकीय माता कर्मा कन्या महाविद्यालय महासमुंद में यूथ रेड क्रॉस सोसाइटी और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में विश्व एड्स दिवस के अंतर्गत 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत 1 दिसंबर को नारा लेखन प्रतियोगिता एवं रेड रिबन सिंबल बनाकर लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया गया।

इस जागरूकता कार्यक्रम के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रमेश कुमार देवांगन ने हर उम्र के लोगों को को इसके प्रति जागरूक होने और दूसरों को जागरूक करने का संदेश दिया। इस आयोजन के लिए समस्त छात्राओं की सराहना की ।

अतिथि व्याख्याता वनस्पति विज्ञान सुश्री जागृति चंद्राकर द्वारा एड्स की शुरुआत की विस्तृत जानकारी छात्राओं को प्रदान की गई , जिसमें उन्होंने बताया की 1981 में इस रोग के बारे में विश्व स्वास्थ्य संस्थान डब्ल्यूएचओ को इसकी जानकारी हुई पहली बार वर्ल्ड एड्स डे 1988 में मनाया गया इसके उद्देश्य की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हर उम्र के व्यक्तियों को HIV वायरस के प्रति जागरूक करना है। रेड रिबन एचआईवी से ग्रसित तथा उनकी देखभाल करने वाले लोगों के प्रति सद्भावना प्रकट करने का एक तरीका है। अतिथि व्याख्याता रसायन शास्त्र दामोदर निराला नें अपने उद्बोधन में छात्राओं को बताया कि एड्स- एच.आई.वी. नामक विषाणु से होता है। संक्रमण के लगभग 12 सप्‍ताह के बाद ही रक्‍त की जॉंच से ज्ञात होता है कि यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर चुका है, ऐसे व्‍यक्ति को एच.आई.वी. पोजिटिव कहते हैं। एच.आई.वी. पोजिटिव व्‍यक्ति कई वर्षो (6 से 10 वर्ष) तक सामान्‍य प्रतीत होता है और सामान्‍य जीवन व्‍यतीत कर सकता है, लेकिन दूसरो को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है।एक से अधिक लोगों से यौन संबंध रखने वाला व्‍यक्ति।नशीली दवाईयां इन्‍जेकशन के द्वारा लेने वाला व्‍यक्ति पिता/माता के एच.आई.वी. संक्रमण के पश्‍चात पैदा होने वाले बच्‍चें।बिना जांच किया हुआ रक्‍त ग्रहण करने वाला व्‍यक्ति।


एड्स से बचाव के लिए जीवन-साथी के अलावा किसी अन्‍य से यौन संबंध नही रखे।सु‍रक्षित यौन संबंध के लिए निरोध का उपयोग करें।मादक औषधियों के आदी व्‍यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें।रक्‍त की आवश्‍यकता होने पर अनजान व्‍यक्ति का रक्‍त न लें, और सुरक्षित रक्‍त के लिए एच.आई.वी. जांच किया रक्‍त ही ग्रहण करें।डिस्‍पोजेबल इसकी रोकथाम हम कैसे कर सकते हैं।

डाक्टर सरस्वती वर्मा कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना ने बताया कि वर्तमान में ऐसे एड्स और कोरोना जैसे वैश्विक महामारी घातक बीमारियों से लोगों को सुरक्षित रखने के लिये स्वंय जागरुक होना और दूसरों को जागरुक करना अत्यंत आवश्यक हैं। यूथ रेड क्रॉस कार्यक्रम अधिकारी डॉ स्वेतलाना नागल नें कहा के एड्स पीड़ितों के प्रति लोगों को पूर्वाग्रहों से बचना चाहिए तथा उन से भेदभाव पूर्ण व्यवहार नहीं रखना चाहिए एवं समय से सही चिकित्सा एवं परामर्श प्राप्त करने में मदद करना चाहिए यही इस वर्ष एड्स दिवस की प्रमुख थीम भी है असमानताओं को मिटाएं एड्स का अंत करें।


इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक गण डॉक्टर शालिनी वर्मा, वी के साहू, पवन कुमार, श्रीमती अंजू शर्मा, श्रीमती रोशनी ध्रुव, हेमराज दौरा एवं अन्य प्राध्यापक गण उपस्थित रहे। महाविद्यालय की छात्राएं कुमारी सना बानो, जानू परवीन , दीपांजलि साहू, अनीता दीवान, उषा चक्रधारी ,मुस्कान, मनीषा ,ज्योति ,लीना, लकेश्वरी, ऐश्वर्या, झरना साहू ने “अपने रिश्तो के प्रति रहे ईमानदार, नहीं बनोगे एड्स में भागीदार” जैसे प्रेरक नारा लेखन किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त छात्राएं उपस्थित होकर इस जागरुकता आयोजन को सफल बनाया।