कैट सी.जी.चैप्टर द्वारा रायपुर सहित प्रदेश भर में केंद्र सरकार द्वारा ई-कॉमर्स नियमों का तत्काल प्रवर्तन हेतु माननीय सांसद एवं माननीय विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया

कैट सी.जी.चैप्टर द्वारा रायपुर सहित प्रदेश भर में केंद्र सरकार द्वारा ई-कॉमर्स नियमों का तत्काल प्रवर्तन हेतु माननीय सांसद एवं माननीय विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया

October 8, 2021 0 By Central News Service

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि देश के ई कामर्स व्यापार में बड़ी विदेशी कम्पनियों द्वारा लगातार किए जा रहे देश के क़ानूनों का खुला उल्लंघन कर रहे है। कैट 15 सितम्बर से 15 अक्तूबर तक एक महीने का ई कामर्स पर हल्ला बोल राष्ट्रीय अभियान चला रहा है ।

इसी कड़ी मे आज कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में कैट सी.जी. चैप्टर का एक प्रतिनिधी मंडल माननीय सुनील सोनी जी, सांसद रायपुर लोकसभा, माननीय सत्यनारायण शर्मा जी, विधायक रायपुर ग्रामीण विधानसभा, माननीय बृजमोहन अग्रवाल जी, विधायक रायपुर दक्षिण विधानसभा, माननीय कुलदीप जुनेजा जी, विधायक रायपुर उत्तर विधानसभा एवं अध्यक्ष छ.ग. गृह निर्माण मंड़ल, एवं माननीय l विकास उपाध्याय जी, विधायक रायपुर पश्चिम विधानसभा एवं संसदीय सचिव से मुलाकात कर केंद्र सरकार द्वारा ई-कॉमर्स नियमों का तत्काल प्रवर्तन हेतु ज्ञापन सौंपा गया।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया कि आज कैट सी.जी. चैप्टर के रायपुर, अम्बिकापुर, मनेन्द्रगढ, बिलासपुर, रायगढ़, चांपा, कोरबा, भाटापारा, तिल्दा, दुर्ग, राजनांदगांव, भिलाई, धमतरी, कांकेर, सराईपाली, बसना, अभनपुर, महासंमुद, गरियाबंद सहित अन्य सभी ईकाइयों में केंद्र सरकार द्वारा ई-कॉमर्स नियमों का तत्काल प्रवर्तन हेतु माननीय सांसद एवं माननीय विधायको को ज्ञापन सौंपा गया।

पारवानी एवं दोशी ने माननीय विधायक महोदय एवं सांसद महोदय को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि हम उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ई-कॉमर्स नियमों की ओर आपका तत्काल ध्यान आकर्षित करते हैं, लेकिन अज्ञात कारणों से नियमों के प्रवर्तन में देरी हो रही है, जिससे देश के छोटे व्यापारी गर्मी महसूस कर रहे हैं। और इन विदेशी वित्त पोषित कंपनियां जैसे अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के अस्वास्थ्यकर व्यापार प्रथाओं के साथ-साथ नियमों, अधिनियमों और कानूनों के घोर उल्लंघन के साथ, भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय उनके हाथों में आ गया है। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि चाहे वह बड़ा हो या छोटा, विदेशी हो या घरेलू, सभी को देश के कानून और नियम का पालन करना होता है। लेकिन वास्तव में, ये कंपनियां 2016 से नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं और अब तक उनके खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की गई है , जो भेदभावपूर्ण व्यवहार को स्पष्ट दर्शाता है ,जो कि बहुत ही अनुचित है।

पारवानी एवं दोशी ने आगे कहा कि चूंकि आप हमारे तत्काल निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया इस मामले को अपने पार्टी नेतृत्व के साथ उच्च प्राथमिकता के आधार पर उठाएं और उन पर केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल से प्रस्तावित ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करने की घोषणा करने का अनुरोध करें। सरकार की ई-कॉमर्स नीति और एफडीआई नीति, 2018 के प्रेस नोट संख्या 2 के स्थान पर एक नया प्रेस नोट जारी करे । हम इस अवसर का उपयोग यह जोड़ने के लिए करते हैं कि वर्तमान ई-कॉमर्स क्षेत्र अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट और अन्य लोगों द्वारा उनके कदाचारों से बहुत प्रभावित है।

  1. जिसमें नियमों और कानूनों का भारी उल्लंघन।
  2. वास्तविक मूल्य से नीचे सामान बेचना।
  3. इन्वेंट्री का मालिक होना, के साथ कार्टेल बनाना शामिल है।
  4. विशेष बिक्री व्यवस्था के लिए ब्रांडएड कंपनियां और ऑनलाइन खरीद पर बैंक द्वारा
    विशेष नकद वापसी प्रदान करना ।

यह भी खेद है कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पारित सख्ती और अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों से संबंधित मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों को लागू नहीं कर के अवमानना किया जा रहा है। संबंधित सरकारी एजेंसियों द्वारा अवमानना की गई है। यह आगे प्रस्तुत किया गया है कि मसौदा नियमों को पीएम मोदी की भागीदारी तथा शासन के दृष्टिकोण के अनुसार सभी हितधारकों के साथ उचित और व्यापक परामर्श के बाद लाया गया था और देश के विभिन्न प्रमुख संस्थानों द्वारा इसका विश्लेषण भी किया गया था। यह उल्लेख करना बेमानी नहीं है कि सभी ने ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे के इरादे और संदर्भ की सराहना की है और यह निश्चित है कि नियमों के लागू होने के बाद व्यापार करने में आसानी के साथ एक समान स्तर का “खेल का मैदान “ ई-कॉमर्स के बुनियादी सिद्धांत होंगे। -वाणिज्य नियम।

पारवानी एवं दोशी ने कहा कि हम आपको बड़ी आशा से देख रहे हैं कि आप इस महत्वपूर्ण मामले को तुरंत अपने पार्टी नेतृत्व के समक्ष उठाएंगे। आपसे यह भी अनुरोध है कि कृपया हमें इस ज्वलंत मुद्दे पर अपनी पार्टी के रुख से अवगत कराने की कृपा करें, जिससे व्यापारिक समुदाय चुनाव के समय एक बुद्धिमान निर्णय लेने में सक्षम होगा।
माननीय विधायक एवं सांसद महोदय को ज्ञापन सौपते समय कैट सी.जी. चैप्टर के पदाधिकारी मुख्यरूप से उपस्थित रहे :- अमर पारवानी, जितेन्द्र दोशी, विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, राकेश ओचवानी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, नरेश कुमार पाटनी, जितेन्द्र गोलछा, नरेश चंदानी, चंद्रकांत लुकंड, दीपक कुकरेजा एवं महेन्द्र कुमार बगरोड़िया आदि।